कहते हैं ना कि छोटा बच्चा कितना भी सुंदर क्यों ना हो मां की गोद को गंदा करेगा ही, ठीक उसी तरह नेता कितना भी अच्छा हो, किसी भी पार्टी का हो... वो नेता किसी पार्टी संगठन से जुड़ने के बाद जनता का वोट पाकर, कुर्सी पर बैठने के बाद भ्रष्टाचार करेगा ही। क्योंकि कोई भी किसी भी पार्टी का नेता आज समाज की सेवा, जनता की सेवा करने के लिए राजनीति नहीं करता, बल्कि अपनी जेब भरने के लिए करता है। शर्म की बात तो यह है कि चोरी करते पकड़े जाने के बाद ये नेता आखिर किस मुंह से अपने और अपनी पार्टी के लिए जनता से वोट मांगेंगे।
जानिए क्या है पूरा मामला
मध्य प्रदेश के अनुपपुर जिले से ऐसा ही एक शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। जिले के बिजुरी में एक कांग्रेस नेता के घर में चोरी का जनरेटर मिला है। रीवा लोकायुक्त और पुलिस की टीम ने कांग्रेस नेता के घर से चोरी का जनरेटर बरामद किया है। नगर पालिका फिल्टर प्लांट से चोरी हुआ जनरेटर आखिर राकेश शुक्ला के घर पर कैसे पहुंच गया? क्या लोकायुक्त की टीम बिना किसी मजबूत आधार सूबूत के ही राकेश शुक्ला के घर पर दबिश दे दी? सीधी सी बात है बिना आग लगे धुआं नहीं उठता मतलब ये कि जनरेटर चोरी होने के बाद से ही धुआं गर्गु के घर से उठ रहा था और लोकायुक्त टीम ने देख लिया।
पूरे जिले में कांग्रेस नेता की चर्चा
बता दें कि बीते दिनों बिजुरी नगर पालिका में करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है जिसमें जनरेटर सहित अन्य सामान के चोरी की पोल धीरे-धीरे अब लोकायुक्त टीम खोल रही है। साथ ही उक्त भ्रष्टाचार में लिप्त कई सफेद पोश चेहरे भी बेनकाब हो रहे हैं। फिलहाल लोकायुक्त टीम ने कांग्रेस नेता राकेश शुक्ला गर्गु की लंका लगा दी है। राकेश शुक्ला गर्गु ने अपनी पार्टी का नाम रोशन किया है, निश्चित ही कांग्रेस आलाकमान राकेश शुक्ला को जनरेटर चोरी मामले में सम्मानित करेगी। हालांकि कोई करें ना करें लेकिन रीवा लोकायुक्त टीम ने तो कर दिया है। शनिवार को रीवा लोकायुक्त टीम और बिजुरी पुलिस ने अपनी छापा मार कार्यवाही में बिजुरी नगर पालिका फिल्टर प्लांट से चोरी गए डीजल जनरेटर को बिजुरी नगर पालिका अंतर्गत वार्ड नं 6 स्थित कांग्रेस नेता पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष राकेश शुक्ला उर्फ गर्गु के मकान से जब्त कर लिया। इसके बाद से पूरे जिले में कांग्रेस नेता राकेश शुक्ला गर्गु की चर्चा चल रही है। लोग तरह तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
इस भ्रष्टाचार का मास्टरमाइंड कौन?
वहीं, इस भ्रष्टाचार चोरी में अजीबोगरीब बातें सामने आ रही हैं। नगर पालिका कह रही है कि उक्त जनरेटर 900 के.वी 47 लाख रुपये का है तो लोकायुक्त की जांच में जब्त जनरेटर 250 के.वी 17 लाख रुपये का बताया जा रहा है कि अब सच क्या है ये जांच का विषय है। जब लोकायुक्त टीम ने इतना पता लगा लिया है तो आगे भी पता कर ही लेगी कि कौन-कौन से मास्टर माइंड नेता, अधिकारी और कर्मचारियों ने इस भ्रष्टाचार में अपनी अहम भूमिका निभाई है।
(रिपोर्ट- विशाल खण्डेलवाल)
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