मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से एक और दुखद खबर सामने आई है। नामीबिया से भारत लाए गए एक और चीता 'शौर्य' की मौत हो गई है। बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में अब तक 10 चीतों की मौत हो चुकी है। इसमें सात चीते और तीन शावक हैं। मरने वाले चीता में 'शौर्य' दसवां है। अब तक चीता 'शौर्य' के मरने की वजह सामने नहीं आई है।
नहीं थम रही चीतों की मौत
लायन प्रोजेक्ट के निदेशक ने जानकारी दी है कि 16 जनवरी को करीब 3:17 बजे नामीबियाई चीता 'शौर्य' की मौत हो गई। बताया गया कि मृत्यु का कारण पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगा। बता दें कि भारत में फिर से चीता को बसाने के लिए कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे, लेकिन अलग-अलग कारणों से एक के बाद एक कर चीता की मौत हो रही है, जिसमें शावक भी शामिल हैं।
नामीबिया से 8 चीते लाए गए
साउथ अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे। उनमें से उदय चीता और दूसरे मादा चीता साशा की मौत कुछ दिन पहले हुई। इसके अलावा दक्षा मादा चीता को नामीबिया से लाया गया था, इसकी भी मौत हो गई। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीता प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया था। एक विराम के बाद चीता युग की शुरूआत की गई थी। हालांकि, अब चीतों की मौत के बाद प्रबंधन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। भारत में चीता प्रोजेक्ट के लिए नामीबिया से 8 और दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे। सबसे पहले नामीबिया से आए एक चीते की बीमारी से मौत हुई थी। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से आए एक चीते की मौत हुई।