भोपाल : मध्य प्रदेश में 31 दिसंबर 2022 तक अस्तित्व में आई सभी अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया जाएगा। यह ऐलान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा फैसला लेते हुए कॉलोनियों को नियमित करने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां अपने सरकारी आवास पर एक कार्यक्रम में यह घोषणा की। राज्य में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। चौहान ने कहा कि इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों से कोई विकास शुल्क नहीं मांगा जायेगा और मकान जैसी स्थिति में हैं,उन्हें नियमित किया जायेगा।
उन्होंने कहा, ‘31 दिसंबर 2022 तक अस्तित्व में आई सभी अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया जाएगा। इन कॉलोनियों के विकास के लिए विशेष रूप से बिजली और पानी की आपूर्ति जैसे आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए आवश्यक धन आवंटित किया जाएगा।' हालांकि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे 31 दिसंबर के बाद बनने वाली अवैध कॉलोनियों के लिए जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि नियमितीकरण के बाद इन कॉलोनियों के निवासी बैंक लोन प्राप्त करने में सक्षम होंगे और उनके लिए सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से आवंटन किया जा सकता है।
6,077 कॉलोनियों को पहले ही किया जा चुका है नियमित
चौहान ने कहा कि लोग अपनी कॉलोनियों के समुचित विकास के लिए रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन बनाएं और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि 31 दिसंबर 2016 से पहले अस्तित्व में रही कम से कम 6,077 कॉलोनियों को पहले ही नियमित किया जा चुका है। उन्होंने मुख्यमंत्री से ‘कट ऑफ तिथि’ को 31 दिसंबर, 2022 तक बढ़ाने का आग्रह किया था, ताकि 2,500 और कॉलोनियों को लाभ मिल सके। नगरीय प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव नीरज मंडलोई ने बताया कि मंगलवार से ऐसी 1122 कॉलोनियों के निर्माण अनुमति जारी कर दी जायेगी।
नियमितीकरण की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी कर ली जाएगी
उन्होंने कहा कि नियमितीकरण की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी कर ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि शहरों में आने वाले गरीबों को दीनदयाल रसोई योजना के तहत 5 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से भोजन उपलब्ध कराया जाए। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और भोपाल की महापौर मालती राय सहित अन्य उपस्थित थे। (इनपुट- भाषा)