मध्य प्रदेश में बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में बड़ा हादसा हुआ है। महाकाल मंदिर के बाहर तेज बारिश के कारण दीवार गिर गई। इस दीवार के नीचे कुछ लोग दब गए। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, दो घायल का जिला चिकित्सालय में उपचार जारी है। शुक्रवार को तेज बारिश के बीच महाकाल मंदिर के गेट नंबर चार की दीवार गिर गई। मलबे में दबने से कुछ लोग घायल भी हुए हैं। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस बल और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और राहत और बचाव कार्य शुरू किया।
टीम ने घायलों को मलबे से निकाला। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। उज्जैन में शुक्रवार सुबह से बादल छाए थे। दोपहर बाद तेज बारिश होने लगी। जिससे सड़कों पर पानी बहने लगा। अभी भी यहां तेज बारिश हो रही हैं।
पांच लोगों को अस्पताल पहुंचाया
हादसे के बाद होमगार्ड की टीम मौके पर पहुंची और घायलों का रेस्क्यू किया। मौके से पांच लोगों को मलबे से बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। इनमें दो बच्चे, दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल है। घटना महाकाल की शाम को होने वाली आरती से ठीक पहले की है। यहां भारी बारिश के कारण गेट नंबर चार के पास पुरानी दीवार का कुछ हिस्सा गिर गया। दीवार के नीचे खड़े लोग इसके मलबे के नीचे दब गए, जिनका रेस्क्यू किया गया है।
महाकाल मंदिर की सुरक्षा में तैनात होंगे 400 जवान
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने महाकालेश्वर मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए अलग से पुलिस थाना बनाने का फैसला किया है। इसके साथ ही निजी सुरक्षा एजेंसियों के साथ मौजूदा अनुशासन संबंधी मुद्दों को हल करने के लिए 400 होमगार्ड तैनात किए जाएंगे। 2028 में आगामी सिंहस्थ उत्सव के लिए इस वर्ष के बजट में 500 करोड़ रुपये का कोष आवंटित किया गया है। यहां भगवान राम और भगवान कृष्ण द्वारा अपनाए गए मार्गों का पता लगाया जाएगा और उन्हें एक व्यापक धार्मिक विरासत परियोजना के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री के अनुसार, "महाकालेश्वर मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था और प्रबंधन के लिए अलग से थाना बनाया जाएगा। बेहतर सुरक्षा प्रबंधन के लिए 400 होमगार्ड भी तैनात किए जाएंगे, क्योंकि निजी सुरक्षा एजेंसियों के साथ अनुशासन और अन्य कई तरह की समस्याएं हैं।"
(उज्जैन से प्रेम डोडिया की रिपोर्ट)