इंदौर: अवैध रूप से बनाए गए आश्रम को ढहाए जाने के दौरान यहां एहतियातन गिरफ्तार कर केंद्रीय जेल भेजे गए कम्प्यूटर बाबा को बृहस्पतिवार को नए मामले में इस कारागार के भीतर ही औपचारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत चौबे ने बताया कि यह मामला गांधी नगर थाना क्षेत्र की एक ग्राम पंचायत के सचिव की रिपोर्ट पर बृहस्पतिवार को ही दर्ज किया गया। यह सचिव अनुसूचित जाति वर्ग से ताल्लुक रखता है।
उन्होंने बताया कि "कम्प्यूटर बाबा" के रूप में मशहूर नामदेव दास त्यागी (54) और उनके साथियों के खिलाफ आरोप है कि रविवार को पुलिस और प्रशासन के दल के मौके पर पहुंचने से पहले उन्होंने ग्राम पंचायत के लोगों के साथ अभद्रता, मारपीट और गाली-गलौज की। ये लोग सरकारी जमीन पर आश्रम के रूप में किया गया अतिक्रमण हटाने गए थे। चौबे ने बताया कि कम्प्यूटर बाबा और उनके कुछ साथियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 186 (लोक सेवक के लोक कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालना), 353 (लोक सेवकों को भयभीत कर उन्हें उनके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए उन पर हमला), 323 (मारपीट), 294 (गाली-गलौज) और 506 (आपराधिक धमकी) के साथ ही अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में प्रशासन के एक अनुविभागीय मजिस्ट्रेट से मंजूरी लेकर केंद्रीय जेल में ही कम्प्यूटर बाबा की औपचारिक गिरफ्तारी की गई जहां वह पिछले छह दिन से न्यायिक हिरासत में बंद हैं। अधिकारियों ने बताया कि एसडीएम की अदालत कम्प्यूटर बाबा को जमानत देने से इनकार कर चुकी है। इसके बाद अपर सत्र न्यायालय उनकी पुनरीक्षण याचिका खारिज कर चुका है। गौरतलब है कि पुलिस और प्रशासन के दल ने इंदौर शहर से सटे जम्बूर्डी हप्सी गांव में सरकारी जमीन पर बने कम्प्यूटर बाबा के अवैध आश्रम को रविवार को जमींदोज कर दिया था।
इसके साथ ही, भाजपा और कांग्रेस की पिछली सरकारों में राज्य मंत्री के दर्जे से नवाजे गए बाबा को एहतियातन गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।