आपने आजतक शोरूम और दुकानों में घड़ियों को भंडार देखा होगा, लेकिन कभी किसी पेड़ पर एक साथ हजारों घड़ियां एक साथ लटकी हुई नहीं देखी होंगी। इस पेड़ को देखकर आप कहेंगे कि ये घड़ियों की शोरूम है, जहां कई प्रकार की घड़ियां आपको दिखने लगेंगी। आप पहली बार देखकर कहेंगे कि यहां इतनी घड़ियां क्यों लटक रहीं है आखिर क्या माजरा है। तो आपको बता दें कि इस पेड़ से लोग मन्नत मांगते हैं और जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है तो वह पेड़ पर घड़ी चढ़ाता है। आइए जानते हैं पूरा मामला...
कहां है ये मंदिर?
मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले से 45 किलोमीटर दूर उन्हेल रोड से सटा घड़ी वाले बाबा नाम से एक मंदिर है। इस मंदिर का नाम सगस महाराज घड़ी वाले बाबा है। इस बरगद के पेड़ के पास से जब आप गुजरेंगे तो आपको टिक-टिक की आवाजें साफ सुनाई देंगी। खास बात यह है कि यहां कोई पंडित पुजारी नहीं है। यहां से गुजरने वाले आस-पास के लोग पेड़ के नीचे बने चबूतरे पर अपना माथा टेक कर मन्नत मांगते हैं और जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है तो वे घड़ी चढ़ाते हैं। लोगों की मानें तो यह मंदिर 10 साल से ज्यादा पुराना है। लेकिन बीते 2-3 सालों से यह काफी चर्चा में है। आलम यह है कि ये मंदिर इतना फेमस हो गया कि यहां अब घड़ी टांगने की जगह नहीं बची है।
घड़ी के अलावा चढ़ाते हैं सिगरेट भी
इस मंदिर में लोग घड़ी के साथ और भी पूजा का सामान चढ़ाते हैं जिसमें नारियल, अगरबत्ती, सिगरेट और चिलम तक शामिल है। हालांकि यह किसी को नहीं पता कि घड़ी चढ़ाने की शुरुआत किसने की। लोगों को मानना है कि जिनका बुरा वक्त चल रहा हो और वह यहां आकर मन्नत मांगे तो उसकी मन्नत पूरी हो जाती है। बता दें कि इस मंदिर में पूर्णिमा और रविवार खासा भीड़ रहती है।
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