Highlights
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में पुनर्विकसित 'रानी कमलापति रेलवे स्टेशन' का उद्घाटन किया
- आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आज भारत आने वाले वर्षों के लिए खुद को तैयार कर रहा है, बड़े लक्ष्यों पर काम कर रहा है- पीएम
- भारत कैसे बदल रहा है, सपने कैसे सच हो सकते हैं, ये देखना हो तो आज इसका उत्तम उदाहरण भारतीय रेलवे भी बन रहा है- पीएम मोदी
मध्य प्रदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भोपाल में पुनर्विकसित 'रानी कमलापति रेलवे स्टेशन' का उद्घाटन किया। भोपाल में 'रानी कमलापति रेलवे स्टेशन' का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय रेल का भविष्य कितना आधुनिक है, कितना उज्जवल है इसका प्रतिबिंब भोपाल के इस भव्य रेलवे स्टेशन में जो भी आएगा उसे दिखाई देगा। भोपाल के इस रेलवे स्टेशन का सिर्फ़ कायाकल्प ही नहीं हुआ है बल्कि रानी कमलापति जी का नाम इससे जुड़ने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
पीएम मोदी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अगले 2 साल में देशभर में 75 वंदे भारत ट्रेनें चलायी जाएंगी। आधुनिक भारत के लिए रिकॉर्डतोड़ निवेश हो रहा है। रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ किसानों को, विद्यार्थियों को, व्यापारियों और उद्यमियों को होता है। आज हम देखते हैं कि किस तरह किसान रेल के माध्यम से देश के कोने-कोने के किसान दूर दराज तक अपनी उपज भेज पा रहे हैं। रेलवे द्वारा किसानों को माल ढुलाई में बहुत छूट भी दी जा रही है। इसका बहुत बड़ा लाभ देश के छोटे किसानों को भी हो रहा है। उन्हें नए बाजार मिले हैं, उन्हें नया सामर्थ्य मिला है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत कैसे बदल रहा है और सपने कैसे सच होते हैं, यह देखना है तो भारतीय रेल को देखना चाहिए, 6-7 साल पहले जिसका भी पाला भारतीय रेल से पड़ता था वह कोसते हुए नजर आता था। स्टेशन पर भीड़भाड़, गंदगी, ट्रेन के इंतजार में घंटों की टेंशन, स्टेशन पर बैठने की खाने पीने की असुविधा, ट्रेन के भीतर भी गंदगी, सुरक्षा की भी चिंता, दुर्घटना का डर, रेलवे बोलते ही यह सबकुछ ध्यान में आता था। स्थिति यहां तक पहुंच गई थी कि लोगों ने स्थितियों के बदलने की उम्मीद तक छोड़ दी थी, लोगों ने मान लिया था ऐसे ही गुजारा करो सब ऐसे ही चलने वाला है, लेकिन देश जब इमानदारी से संकल्पों की सिद्धी के लिए जुड़ता है तो सुधार आता ही आता है। परिवर्तन होता ही होता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के सामान्य मानवी को आधुनिक अनुभव देने का जो बीड़ा हमने उठाया है, उसके लिए जो परिश्रम दिन रात किया जा रहा है, उसके परिणाम अब दिखाई देने लगे हैं, कुछ महीने पहले गुजरात में गांधीनगर रेलवे स्टेशन का नया अवतार देश और दुनिया ने देखा था, आज मध्य प्रदेश के भोपाल में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के रूप में देश का पहला ISO प्रमाणित, पहला पीपी मॉडल आधारित रेलवे स्टेशन देश को समर्पित किय गया है। जो सुविधाएं कभी एयरपोर्ट पर मिलती थी वह आज रेलवे स्टेशन पर मिल रही हैं, आधुनिक शौचालय, बेहतरीन खाना पीना, शॉपिंग काॉम्पलेक्स, होटल म्यूजियम गेमिंग जोन अस्पताल मॉल, स्मार्ट पार्किंग जैसी हर सुविधा विकसित की जा रही है। इसमें भारतीय रेल का पहले सेंट्रल एयर कॉनकोर्स बनाया गया है। इसमें सैंकड़ों यात्री एक साथ बैठकर ट्रेन का इंतजार कर सकते हैं और खास बात ये भी है कि सारे प्लेटफॉर्म इससे जुड़े हुए हैं। वीआईपी कल्चर से ईपीआई (एव्री पर्सन इज इंपॉर्टेंट) का यही मॉडल है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश के पौने 200 से अधिक रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आज भारत आने वाले वर्षों के लिए खुद को तैयार कर रहा है, बड़े लक्ष्यों पर काम कर रहा है, आज का भारत आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए रिकॉर्ड इन्वेस्टमेंट तो कर ही रहा है, साथ में यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि प्रोजेक्ट्स में देरी न हो और कोई वाधा न आए। हाल में शुरू हुआ पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान इसी संकल्प की सिद्धी में देश की मदद करेगा।
मोदी ने आगे कहा कि जैसे रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को अप्रोच रोड से जोड़ा गया है, यहां बड़ी संख्या में पार्किंग की सुविधा बनाई गई है, भोपाल मेट्रो से भी इसकी कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा रही है, बस मोड के साथ रेलवे स्टेशन के एकीकरण के लिए स्टेशन के दोनों तरफ बीआरटीएस लेन की सुविधा है, यानि ट्रेवल हो या लॉजिस्टिक सबकुछ सरल हो, सहज हो सीमलेस हो यह प्रयास किया जा रहा है, सामान्य भारती के लिए ईज ऑफ लीविंग सुनिश्चित करने वाला है। रेलवे के अनेको प्रोजेक्ट्स को इसी तरह गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान से जोड़ा जा रहा है।
एक जमाना था जब रेलवे के इंप्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को ड्राइंग बोर्ड से जमीन पर उतने में सालों साल लग जाते थे, मेरे सामने रेलवे के कुछ प्रोजेक्ट ऐसे आए जो 35-40 साल पहले घोषित हो चुके थे लेकिन कागज पर लकीर भी नहीं बनाई गई थी। वह काम भी होंगे मैं आपको भरोसा देता हूं। भारतीय रेलवे ने भी जितनी अधीरता नए प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग की है उतनी ही उनको समय पर पूरा करने की भी है। ईस्ट्रन और वेस्ट्रन कॉरिडोर इसका उदाहरण है।
बीते 6-7 साल के दौरान 1100 किलोमीटर से अधिक रूट को पूरा किया जा चुका है और बाकी पर तेज गति से काम चल रहा है, काम की यही गति आज दूसरे प्रोजेक्ट्स में भी दिखती है, बीते 7 साल में हर वर्ष औसतन ढाई हजार किलोमीटर ट्रैक कमिशन किया गया है, जबकि उससे पहले के सालों में यह 1500 किलोमीटर के आसपास ही होता था, पहले की तुलना में इन वर्षों में रेलवे ट्रैक के बिजलीकरण की रफ्तार 5 गुना से ज्यादा बढ़ी है, मध्य प्रदेश में भी 35 प्रोजेक्ट्स में से लगभग 1125 किलोीटर के प्रोजेक्ट कमिशन हो चुके हैं।
भारतीय रेल सिर्फ दूरियों को जोड़ने वाला माध्यम नहीं है बल्कि देश की संस्कृति पर्यटन और तीर्थों को जोड़ने का भी अहम माध्यम बन रही है। आजादी के इतने दशकों बाद पहली बार भारतीय रेल के इस सामर्थ्य को इतने बड़े स्तर पर एक्सप्लोर किया जा रहा है, पहले रेलवे को पर्यटन के लिए अगर इस्तेमाल किया भी गया तो उसको एक प्रीमियम क्लब तक ही सीमित रखा गया। पहली बार सामान्य नागरिक को उचित राशि पर पर्यटन और तीर्थाटन का दिव्य अनुभव दिया जा रहा है, रामायण सर्किट ट्रेन ऐसा ही अभिनव प्रयास है।
भोपाल में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के उद्घाटन समारोह में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देश के इंजीनियरों ने अपनी क्षमता से आधुनिक इंजन, कोच, मेट्रो, ट्रेनों के सुरक्षा कवच विकसित किए। भारतीय डिजाइन और देश में निर्मित टेक्नोलॉजी से भारत के आम आदमी को विश्व स्तरीय सुविधाएं मिल सकेंगी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद। वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन की सौगात जो अपने तरह का अनोखा स्टेशन है, आप ने आज यह स्टेशन मध्य प्रदेश को दिया है और दूसरा उसका नाम भोपाल की रानी कमलापति के नाम पर रखा। इसके लिए आपका दिल से अभिनंदन है।