सब्जी बेचने वाले की बेटी बनी जज, कभी फीस के नहीं थे पैसे, अब हासिल की 5th रैंक
05 May 2022, 9:22 PMअंकिता नागर ने बताया है कि वह रोज 8 घंटे पढ़ाई करती थी और जब कभी शाम को ठेले पर भीड़ अधिक हो जाती थी तो वह पिता का हाथ बटाने को पहुंच जाती थीं। कई बार तो रात के 10 बजे घर लौट पाती थी और उसके बाद पढ़ाई करती थी।