Kamakhya temple corridor: असम का कामाख्या मंदिर सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया फेमस है। यहां दुनियाभर से लोग अपनी मन की इच्छाओं की पूर्ति के लिए आते हैं। अब भारत और असम सरकार मिलकर इस मंदिर को और भव्य रूप दे रही है और यहां तक पहुंचने वाले रास्ते को और सुगम बना रही है। इसके लिए पीएम मोदी ने कामाख्या मंदिर कॉरिडर का शिलान्यास किया है। इसके तरह इससे पूरे पूर्वोत्तर के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। यह पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार बन जाएगा। ऐसे में आज जानते हैं इस मंदिर कब, कहां और कैसे पहुंचें। साथ ही जानेंगे यहां की एंट्री के बारे में।
कामाख्या मंदिर कहां है?
कामाख्या मंदिर असम राज्य की राजधानी दिसपुर से मात्र 13 किलोमीटर दूर स्थित है। यह असम के कामरूप जिले के गुवाहाटी शहर में स्थित कामागिरी जिसे नीलांचल पर्वत कहते वहां स्थित है। माना जाता है कि यहां महादेव की पत्नी देवी सती का योनी भाग गिरा था। इस शक्तिपीठ को तंत्रसाधना का प्रमुख स्थान माना जाता है।
लिटरेचर फेस्टिवल अटेंड करने पहुंचे हैं जयपुर तो घूम आएं वहां के ये राज महल, एक दिन में ही कर लेंगे सैर
कामाख्या मंदिर कैसे जाएं?
कामाख्या मंदिर जाने के लिए आपको गुवाहाटी एयरपोर्ट जाना होगा। इस एयरपोर्ट से मंदिर सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां के लिए नई दिल्ली से लगातार फ्लाइट मिलती रहती है। यहां आपकर आप मंदिर जाने के लिए बस, ऑटी और टैक्सी पकड़ सकते हैं। आप ट्रेन से कामाख्या जंक्शन भी जा सकते हैं जहां से आप मंदिर जा सकते हैं। स्टेशन से मंदिर की दूरी मसज 7 किलोमीटर है।
कामाख्या मंदिर जाने का सही समय
कामाख्या मंदिर का कपाट हर महीने के 3 दिन बंद रहता है। हालांकि, साल में 22 से 26 जून तक कामाख्या देवी मंदिर में अंबूवाची मेला लगता है जो कि खास होता है। इस समय मां कामाख्या मासिक धर्म में रहती हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि यहां देवी की कोई मूर्ति नहीं है बल्कि कुंड है, जिसे हमेशा फूलों से ढककर रखा जाता है और लोग दूर-दूर से इसके दर्शन करने आते हैं।
कश्मीर से लेकर शिमला तक, इन जगहों पर हो रही है जमकर बर्फबारी, बना लें घूमने का प्लान
कामाख्या मंदिर की एंट्री फीस
कामाख्या मंदिर की एंट्री फीस आम लोगो के लिए नहीं है। यहां सामान्य प्रवेश निःशुल्क है। लेकिन, वीआईपी दर्शन 500/- रूपये खर्च करने पड़ते हैं तो वहीं फौज या डिफेंस के लोगों के लिए ये 50/-रूपये है। तो, अगर आप आजतक यहां कभी नहीं गए हैं तो आपको कामाख्या देवी मंदिर एक बाप जरूर जाना चाहिए।