फूल प्रेम, स्नेह, लगाव, जुड़ाव और अटूट रिश्ते के प्रतीक माना जाता है। फूल लेने या फिर देने भर से दिल खुश हो जाता है। सुगंध, चमक और सकारात्मक सोच को फूल प्रकृति में छोड़ता है। प्राचीन काल से आज तक देवी देवताओं की पूजा के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के फूल इस्तेमाल होते रहे हैं। फूलों की पवित्रता पूरी दुनिया जानती है। एक दो खिलखिलाते फूल को देख इंसान खिलखिला उठते हैं, क्या हो यदि आपको 500 से अधिक प्रकार के फूलों के बीच बैठा दिया जाए! यह कल्पना नहीं बल्कि हकीकत है। भारत अजूबा के लिए जाना जाता है, उत्तराखंड की फूलों की घाटी स्वर्ग से बढ़कर फील देती है। यहां आने वाले हर इंसान यहां बार-बार आना चाहते हैं। प्राकृतिक रंगों और खुशबुओं से लदी हुई यह घाटी यूनेस्को के विश्व धरोहर सूची में इंट्री मार चुकी है।
इतनी बड़ी कि पर्यटक खो जाए
फूलों की घाटी 87.50 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है। यह इतनी बड़ी है कि पर्यटक कई बार इसमें खो भी जाते हैं। फूलों के बीच खो जाना, कल्पना करके ही दिल खिल उठता है। लेकिन ऐसा नहीं है, यदि आप यहां के चट्टानी ढलानों का ध्यान नहीं रखे तो जान भी जा सकती है।
रंग बिरंगे फूलों की विशेषता
यहां के फूल मानो माया समान हो, फूलों की घाटी हर 14 दिन बाद अपना रंग बदलने के लिए जानी जाती है। प्रकृति के जितने भी रंग हैं, सभी यहां देखने के लिए मिल जाते हैं। इसलिए इस घाटी को प्रकृति की रंगोली भी माना जाता है।
औषधीय पौधों की भरमार
यहां कुल 45 प्रकार के औषधीय पौधे मिलते हैं। इसका इस्तेमाल स्थानीय लोग करते हैं। यहां के औषधीय पौधों में बड़े ही मौलिक गुण पाए जाते हैं। यहां के सुनंदा देवी, नंदा देवी और सौसुरिया ओब्वाल्ता नामक औषधीय पौधों का डिमांड खूब है।
स्थानीय लोगों का मत
यहां के निवासी का मानना है कि इस घाटी को भगवान और परियों ने मिलकर तैयार किए हैं। यह घाटी भगवान का निवास स्थल है। घाटी का रंग भगवान के इच्छा अनुसार बदलते हैं।
फूलों की घाटी के प्रमुख फूल
वैसे तो यहां के सभी फूलों का नाम गिनाना मुश्किल है किंतु इस घाटी के प्रमुख फूलों की सूची में एनीमोन, जर्मेनियम, मार्श, गेंदा, प्रिभुला, पोटेंटिल्ला, जिउम, तारक, लिलियम, हिमालयी नीला पोस्त, बछनाग, डेल्फिनियम, रानुनकुलस, कोरियालिस, इन्डुला और सौसुरिया को शामिल किया जाता है। ये सब फूल न केवल उत्तराखंड बल्कि भारत को भी विश्व के तमाम देशों के पर्यटकों के दिलों में अलग पहचान दिलाती है।