भारत में मकर संक्रांति के त्योहार को अलग अलग जगहों पर अलग नाम से पुकारा जाता है। गुजरात में इसे उत्तरायण कहते हैं। 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन यहां गजब की रौनक होती है। पूरा प्रदेश मानो छतों पर आ जाता है। गुजरात में उत्तरायण के दिन खास पतंग महोत्सव का आयोजन होता है। हर साल यहां इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल (International Kite Festival 2024) का आयोजन किया जाता है। जहां देश-विदेश से पतंग प्रेमी और पतंग बनाने वाले पहुंचते हैं। ऐसा लगता है जैसे पूरी धरती इस उत्सव पर आसमान के सम्मान में और सूर्य की उपासना में पतंगों के रूप में फूलों का अर्पण कर रहे हों। इस त्योहार में पतंगों की खुशबू होती है। पतंगों के साथ आसमान छूती उमंगें होती हैं और लोगों के बीच गजब का उत्साह होता है। तो अगर आपको भी पतंगबाजी पसंद है तो गुजरात जाने के प्लान कर लें। यहां आपके त्योहार का मज़ा दोगुना हो जाएगा।
सूर्य जब उत्तरायण में पहुंचता है तो सर्दी गर्मियों में बदलने लगती है, जिसे मकर संक्रांति या उत्तरायण के रूप में जाना जाता है। उत्तरायण वाले दिन गुजरात के ज्यादातर शहरों में लोग सुबह से ही पतंगबाजी के पेंच लड़ाने लगते हैं। आसमान सुबह होने के साथ रात के अंधेरे तक रंग बिरंगी पतंगों से भर जाता है। इस दिन आमतौर पर तेज गर्म धूप होती है और पतंगों को ऊपर उठाने के लिए तेज हवाएं चलती हैं। गुजरात के सभी राज्यों में हर कोई पतंग उड़ाने और अपने पड़ोसियों के साथ कॉम्पटीशन करने के लिए छतों और सड़कों पर आ जाता है। खाने के लिए लड्डू, उंधियू या सूरती जामुन पतंगबाजी के दौरान खाए जाने वाली फेमस डिश होती हैं। लोग दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों के साथ मिलकर पतंग उड़ाते हैं।
हर साल मनाया जाता है पतंग महोत्सव
1989 से अहमदाबाद शहर नें उत्तरायण के आधिकारिक उत्सव के रूप में अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन किया जाता है। यहां दुनिया भर से मास्टर पतंग निर्माता और उड़ने वाले अपनी अनौखी पतंगों का प्रदर्शन करते हैं। यहां ऐसी ऐसी पतंगें देखने को मिलती हैं जो आपने कहीं और नहीं देखी होंगी। पिछले कुछ सालों में मलेशिया, इंडोनेशिया, अमेरिका, जापान और चीन में उड़ने वाले ड्रैगन भी यहां लोगों ने देखे। यहां अहमदाबाद के खास पतंग निर्माता भी अपनी पतंगों की प्रदर्शनी लगाते हैं।
जनवरी में घूमने के लिए परफेक्ट हैं ये 3 जगहें, हर एक का एक्सपीरियंस अलग और यादगार होगा!