Places to visit in amritsar: आगामी 26 जनवरी को आप लॉन्ग वीकेंड बनाकर कहीं घूमने का प्लान कर सकते हैं। ऐसे में आप दिल्ली से अमृतसर जा सकते हैं। जी हां, ये बहुत दूर नहीं है और आप तीन दिनों में यहां घूमकर आ सकते हैं। ये शहर बहुत सुंदर है और यहां आपको स्वतंत्रता संग्राम के समय की बहुत सारी ऐतिहासिक चीजें देखने को मिल जाएंगी। अमृतसर की खास बात यहां रहना-खाना इतना महंगा नहीं है कि आपको यहां जाने से पहले बहुत सारी प्लानिंग की जरूरत नहीं तो। तो, जानते हैं अमृतसर की मशहूर चीज क्या है और यहां कहां घूमें।
1. अमृतसर की मशहूर चीज है गोल्डन टेंपल (Golden Temple)
अमृतसर की मशहूर चीज है गोल्डन टेंपल (Golden Temple)। इसे श्री हरमंदिर साहिब या दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता है और यह भारत में सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है। यह मंदिर शानदार वास्तुकला का प्रदर्शन करता है, जो हिंदू और इस्लामी कलात्मक शैलियों का एक अनूठा मिश्रण है। मंदिर की भीतरी दीवारों पर अर्ध-कीमती पत्थर, मीनाकारी का काम और कांच का काम किया गया है जो आपकी आंखों को सुकून देगा। मंदिर के आसपास का शांत जलस्रोत इसकी सुंदरता को बढ़ाता है। सिखों की पवित्र धार्मिक पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब को दिन के दौरान इस गुरुद्वारे के अंदर रखा जाता है और रात में अकाल तख्त ले जाया जाता है। मंदिर का मुख्य आकर्षण लंगर है और हर आने वाले को मुफ्त शाकाहारी भोजन दिया जाता है। ये अमृतसर ते स्वर्ण मंदिर रोड, अट्टा मंडी, कटरा अहलूवालिया में है। ये रोज 24 घंटे खुला रहता है। यहां प्रवेश शुल्क नहीं है।
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2. वाघा बॉर्डर
वाघा बॉर्डर पर शाम की परेड देखने लोग दूर-दूर से आते हैं। अमृतसर के पास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक, वाघा बॉर्डर देशभक्ति की भावना से भरपूर है। शहर से लगभग 30 किमी दूर स्थित, यह भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली एकमात्र सड़क सीमा है। हर शाम, सूर्यास्त से पहले सीमा एक औपचारिक मैदान में बदल जाती है और पर्यटकों की भीड़ को आकर्षित करती है। यह वह समय है जब दोनों देशों के सैनिक बीटिंग रिट्रीट और चेंज ऑफ गार्ड समारोह में शामिल होते हैं। यह प्रथा 1959 से जारी है। इस समारोह शुरू होने से कम से कम एक घंटा पहले यहां पहुंचें। इसके लिए वाघा गांव सायं 04:15 बजे से सायं 05:00 बजे तक पहुंचे।
3. जलियांवाला बाग
जलियांवाला बाग स्वतंत्रता संग्राम की इतनी मार्मिक गाथा बयां करने वाला शायद भारत में कोई दूसरा स्मारक नहीं है। 6.5 एकड़ में फैला यह सार्वजनिक उद्यान ब्रिटिश सेना द्वारा निहत्थे भारतीयों पर किए गए सबसे जघन्य सार्वजनिक नरसंहार का गवाह बना हुआ है। यह लगभग एक सदी पहले, वर्ष 1919 की बात है, जब जनरल डायर की कमान के तहत ब्रिटिश सेना ने इसी स्थान पर पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की एक शांतिपूर्ण सभा पर बेरहमी से गोलीबारी की थी और सैकड़ों लोगों को मार डाला था। बगीचे में विशाल पत्थर का स्मारक भारत के स्वतंत्रता इतिहास के काले दिन की याद दिलाता है।
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4. राम तीरथ आश्रम
राम तीरथ आश्रम में धर्म और पौराणिक कथाओं का मिश्रण होता है, जिसे भगवान वाल्मिकी तीर्थ स्थल के रूप में भी जाना जाता है। इस स्थान को वह पवित्र स्थान माना जाता है जहां भगवान राम के पुत्र लव और कुश का जन्म हुआ था। माना जाता है यहां ऋषि वाल्मिकी का आश्रम हुआ करता था। ऐसा माना जाता है कि महान ऋषि ने यहीं पर रामायण लिखना शुरू किया था। ऋषि वाल्मिकी की 800 किलोग्राम सोने से बनी मूर्ति इस मंदिर का मुख्य आकर्षण है। तो, इन जगहों पर आप घूमकर आ सकते हैं।