Gandhi Jayanti 2023: साबरमती आश्रम (sabarmati ashram) को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का राजनीतिक-सांस्कृतिक शहर के रूप में जाना जाता था। यह वो स्थान है जहां महात्मा गांधी अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी के साथ बारह वर्षों तक रहे थे। जब भी स्वतंत्रा संग्राम की बात चलती है तो साबरमती आश्रम की बात जरूर सामने आती है। दरअसल, इस आश्रम का महत्व इस तथ्य से है कि यहीं से गांधीजी ने 12 मार्च 1930 को दांडी मार्च का नेतृत्व किया था जिसे नमक सत्याग्रह के रूप में जाना जाता है। गांधीजी ने अपने अनुयायियों के साथ साबरमती आश्रम से दांडी तक दांडी मार्च शुरू किया जो साबरमती से 241 मील दूर स्थित है। इस वजह से आश्रम को अब एक राष्ट्रीय स्मारक माना जाता है। तो, जानते हैं यहां कैसे पहुंचे।
साबरमती आश्रम कैसे पहुंचे?
साबरमती आश्रम जाने के लिए आपको अहमदाबाद जाना है। यहां से साबरमती आश्रम 8 किलोमीटर की दूरी पर है। तो, आपको करना ये है कि पहले आप भारत के किसी भी हिस्से से अहमदाबाद पहुंचे और फिर उसके बाद वहां से साबरमती जाएं।
रायसीना हिल्स से लेकर इंडिया गेट तक, 15 अगस्त पर दिल्ली में इन जगहों की शाम होती है केसरिया
साबरमती आश्रम में क्या-क्या घूमने को है?
साबरमती आश्रम को मगन निवास, हृदय कुंज, गांधी स्मारक संग्रहालय, विनोभा मीरा कुटीर, उद्योग मंदिर, सोमनाथ छात्रालय और उपासना मंदिर जैसे अलग-अलग खंडों में विभाजित किया गया है। गांधी स्मारक संग्रहालय, आश्रम में आने वाले इतिहास प्रेमियों के लिए प्रमुख आकर्षणों में से एक है। संग्रहालय को प्रसिद्ध भारतीय वास्तुकार चार्ल्स मार्क कोरिया द्वारा डिजाइन किया गया था और इसका उद्घाटन 1963 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था।
Independence Day 2023: इन इमारतों ने देखा था आजाद भारत का सपना, स्वतंत्रता संग्राम के हैं असली गवाह
इसके अलावा आप अहमदाबाद गैलरी में गांधीजी के जीवन की प्रमुख घटनाओं को दर्शाने वाले लगभग 50, हाथ से बनाए गए पैनल देख सकते हैं। इसके अलावा मेरा जीवन मेरा संदेश गैलरी में 250 से अधिक तस्वीरें देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां पेंटिंग गैलरी पुस्तकालय और अभिलेखागार, जहां आप गांधीजी की डायरी है वहां भई जा सकते हैं। संग्रहालय की दुकान से आप कुछ किताबें और यादगार वस्तुएं जैसे पोस्टकार्ड, चरखा मॉडल, चाबी का गुच्छा, पेन ड्राइव, स्टेशनरी, मूर्तियां आदि खरीद सकते हैं।