गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस बार 7 सितंबर से गणेश चतुर्थी मनाया जा रहा है। वैसे तो पूरे देश में गणेश उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। मगर, मुंबई-महाराष्ट्र में गणपति त्यौहार की रौनक देखते ही बनती है। अगर आप गणपति फेस्टिवल के दौरान मुंबई जाएं तो यहां के भव्य पंडाल ज़रूर देखें। यहां गणपति के अनोखे पंडालों को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। चलिए बताते हैं मुंबई के उन मशहूर पंडाल के बारे में?
घूम आए मुंबई के ये मशहूर पंडाल:
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लालबाग चा राजा: लालबाग का राजा मुंबई का सबसे लोकप्रिय सार्वजनिक गणेश मंडल है। मुंबई के लालबाग, परेल इलाके में 'लालबाग चा राजा' स्थित हैं। लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की स्थापना 1934 में चिंचपोकली के कोलियों के द्वारा हुई थी। इस पंडाल में बप्पा के दर्शन के लिए दो तरह की लाइन लगती है। एक है मुख दर्शन और दूसरा चरण दर्शन। जहां मुख दर्शन 5 से 6 घंटे में हो जाता है वहीं, चरण दर्शन के लिए लोग 24 से लेकर 36 घंटों तक कतार में खड़े रहते हैं। चरण दर्शन के लिए वीआईपी पास भी मिलता है। लालबाग के राजा का दर्शन करने के लिए बॉलीवुड, बिजनेस से लेकर राजीनीति जगत की हर नामी-गिरामी हस्तियां आती हैं।
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मुंबई चा राजा: मुंबई स्थित परेल के गणेश नगर में 'मुंबई चा राजा या गणेश गल्ली चा राजा' विराजमान होते हैं। ये पंडाल मुंबई के प्रसिद्ध पंडाल में से एक है। हर साल यहां अलग अलग थीम पर पंडाल का आयोजन होता है। ये भव्य गणपति पंडाल लालबागचा राजा से कुछ ही दूर पर स्थित है। बता दें, इस पंडाल की शुरुआत 1928 में मिल वर्कर के लिए हुई थी।
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चिंचपोकली चा चिंतामणि’: 'चिंचपोकली चा चिंतामणि' पंडाल भी श्रद्धालुओं के बीच बेहद लोकप्रिय है। यह गणेश मंडल चिंचपोकली में दत्ताराम लाड मार्ग पर स्थित है। साल 1920 से ही यहां लोग गणपति की स्थापना कर रहे हैं। यानी यह गणेश पंडाल 100 साल से भी ज्यादा पुराना है।
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गिरगांव चा राजा: अगर आप मुंबई के मशहूर पंडाल का दर्शन करना चाहते हैं तो गिरगांव में एसवी सोवानी पथ पर स्थित ‘गिरगांव चा राजा’ के नाम से प्रसिद्ध पंडाल पर ज़रूर जाएं।
खेतवाडी चा राजा: खेतवाडी चा राजा भी काफी मशहूर पंडाल है। मुंबई के ग्रांट रोड के खंबाला लेन में 'खेतवाडीचा राजा' गणपति का भव्य पंडाल देखकर लोग मुग्ध हो जाते हैं।
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अंधेरी चा राजा: हर साल अंधेरी वेस्ट में वीरा देसाई रोड पर 'अंधेरी चा राजा' का भव्य पंडाल लगता है। यहां 1966 से ही गणेश जी की स्थापना की जा रही है। हर साल अलग अलग थीम पर गणपति की मूर्ति बिठाई जाती है।