नए साल की शुरुआत पर बड़ी संख्या में लोग मंदिर पहुंचते हैं और अपने आराध्य के दर्शन के साथ न्यू ईयर की शुरुआत करते हैं। देशभर के प्रसिद्ध मंदिरों में हर साल न्यू ईयर के मौके पर लाखों की भीड़ देखी जाती है। मथुरा वृंदावन में वैसे तो सालभर टूरिस्ट की भीड़ लगी रहती है, लेकिन नए साल पर यहां सबसे ज्यादा टूरिस्ट पहुंचते हैं। खासतौर से दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों की संख्या यहां सबसे ज्यादा होती है। जिसे लेकर वृंदावन के पुलिस प्रशासन की ओर से और बांके बिहारी मंदिर की ओर से खास एडवाइजरी जारी की गई है।
वृंदावन में बाहरी वाहनों की एंट्री पर बैन
क्रिसमस की छुट्टी वाले दिन वृंदावन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने आराध्य बांके बिहारी के दर्शनों के लिए पहुंचे थे। जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने नए साल पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई है। प्रशासन नए साल की तैयारियों और व्यवस्थाओं में जुट गया है। भारी भीड़ के आगमन को देखते हुए 2 जनवरी तक वृंदावन में बाहरी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
बांके बिहारी मंदिर ने की भक्तों से अपील
दुनियाभर से बड़ी संख्या में भक्त मथुरा वृंदावन पहुंचते हैं। बृजधाम में लोग गोकुल, बरसाना, गोवर्धन और नन्दगांव के मंदिरों में दर्शन करते हैं, लेकिन वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर का श्रद्धालुओं के बीच अलग ही क्रेज है। बांके बिहारी के मंदिर में अपने आराध्य के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है। यहां भीड़ को कंट्रोल करना प्रशासन के लिए मुश्किल हो जाता है। जिसे लेकर मंदिर प्रबंधन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए गाइड लाइन जारी की गई हैं।
बांके बिहारी मंदिर में बच्चों और बुजुर्गों को लेकर न पहुंचें
बांके बिहार मंदिर प्रबंधन की ओर से भक्तों से खास अपील की गई है। मंदिर प्रबंधन ने भीड़ को देखते हुए बच्चों, बुजुर्गों, बीमार और कमजोर महिलाओं को मंदिर में न लाने की अपील की है। आपको बता दें बांके बिहारी मंदिर काफी छोटा है, यहां भीड को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। कई बार मंदिर में भगदड़ की स्थिति पैदा हो चुकी है। जिसमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है।
इसलिए अगर आप वृंदावन जाने का प्लान कर रहे हैं तो इन जरूरी नियमों को जान लें। मंदिरों में इतनी भीड़ है कि पैर रखना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे में पूरे इंतजामों के साथ ही नए साल मथुरा वृंदावन जाने का प्लान करें।