Tungnath temple: तुंगनाथ मंदिर, जिसे तुंगनाथ महादेव के नाम से भी जाना जाता है 1000 वर्ष से अधिक पुराना मंदिर है। कहा जाता है कि इस मंदिर की खोज आदि शंकराचार्य ने की थी। यह मंदिर भगवान शिव का निवास है और इस मंदिर के निकट ही देवी पार्वती और कई अन्य देवताओं की मूर्तियां भी स्थित हैं। तुंगनाथ मंदिर की कलात्मक वास्तुकला हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसके अलावा बहुत से लोगों को यहां तक पहुंचने वाली इसकी दुर्गम रास्तों से ट्रेकिंग करना अच्छा लगता है ऐसे में इस शिवरात्रि आप भी यहां जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो इन टिप्स को आजमा सकते हैं।
तुंगनाथ कैसे पहुंचे-How to reach tungnath trek
हवाई मार्ग से तुंगनाथ पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका देहरादून है। जॉली ग्रांट हवाई अड्डा चोपता का निकटतम हवाई अड्डा है, यह देहरादून में स्थित है। हवाई अड्डे से, चोपता के पास पैंगर गांव तक पहुंचने के लिए 220 किमी की दूरी तय करने में लगभग 9 घंटे लगते हैं। ट्रेन के जरिए आप देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश तक जा सकते हैं जो कि तुंगनाथ के निकटतम रेलवे स्टेशनों में से एक है। फिर यहां से आप चोपता जा सकते हैं। अगर आप बाय रोड जाने की सोच रहे हैं तो आपको पहले दिल्ली से देहरादून और हरिद्वार के पैंगर गांव तक पहुंचना होगा और फिर वहां से चोपता जाना पड़ेगा।
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कैसे करें प्लानिंग-How to plan?
आप तुगनाथ की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो इन बातों को ध्यान में रखें।
-चोपता से तुंगनाथ तक कोई प्रमुख रुकने का स्थान नहीं है। आपको रास्ते में पर्याप्त पानी, ट्रैकिंग जूते, गर्म कपड़े, रेनकोट, सनस्क्रीन और फर्स्ट एड किट आदि रख लें।
-जरूरत पड़ने पर खाने के लिए हल्का नाश्ता अपने साथ रखें, उदाहरण के लिए ग्लूकोज, चॉकलेट, बिस्कुट, मेवे आदि।
-अतिरिक्त सहायता के लिए चलने की छड़ी और वॉटरप्रूफ ट्रैकिंग जूते अपने साथ रखें क्योंकि बर्फ पर फिसलने की संभावना रहती है।
-आपको रुकने के लिए कमरे चोपता में मिल जाएं।
-पावर बैंक और कैश पैसे अपने साथ रखें क्योंकि रास्ते में कोई चार्जिंग पॉइंट और एटीएम नहीं हैं।
-मंदिर के अंदर तस्वीरें खींचने की अनुमति नहीं है
- चोपता से मंदिर जाने वाले रास्ते पर रात के समय ट्रैकिंग करने से बचें।
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तो, बस थोड़ी सी प्लानिंग के साथ आप तुंगनाथ की ट्रैकिंग करने जा सकते हैं। हालांकि, अगर आपको फेफड़े आदि से जुड़ी कोई समस्या है तो यहां जाने से पहले थोड़ा सोच लें।