आजकल लोगों को ट्रैवलिंग का बेहद शौक होने लगा है, लेकिन घूमने का शौक रखने वालों में कई ऐसे लोग भी हैं जिन्हें ट्रैवलिंग के दौरान उल्टी और जी मिचलाने की शिकायत होने लगती है. दरअसल, मोशन सिकनेस एक ऐसी समस्या है जिसमें यात्रा के दौरान उल्टी, सिर घूमना, चक्कर आना या जी मिचलाने आम है. लंबे टूर पर तो लगभग हर कोई कार, बस या फिर ट्रेन से ही जाता है। खासतौर पर पहाड़ी इलाकों में सफर के दौरान कई लोगों को उल्टी रोकने की हर मुमकिन कोशिश के बाद भी उल्टी आ ही जाती है। मोशन सिकनेस में कान के अंदरूनी हिस्से, आंखों और मांसपेशियों और जोड़ों की नसों को अलग-अलग सिग्नल मिलते हैं। लेकिन हवा न मिल पाने के कारण हमें सिकनेस हो जाती है, जिसके कारण दिमाग कंफ्यूज हो जाता है और लक्षण ट्रिगर हो सकते हैं। ऐसे में आप इस दौरान इन कुछ उपायों की मदद से इन परेशानियों से निजात पा सकते हैं।
मोशन सिकनेस के लक्षण
- जी मिलचलाना
- सिर घूमना
- उल्टी होना
- चक्कर आना
- थकावट होना
- आलस आना
- इनडाइजेशन
- पेट में दर्द
- बेचैनी महसूस होना
सफर के दौरान होने वाली उल्टियों को ऐसे रोकें
- आक का पत्ता उल्टी को रोकने में काफी कारगर होता है। इसके लिए आक के एक पत्ते को लेकर चिकना वाला भाग पैर में तलवे की ओर करके रख लें और उसके ऊपर से मोजे पहन लें।
- दिव्यधारा सूघने से या फिर थोड़े से पानी में डालकर इसे पीने से भी आपको लाभ मिलेगा।
- अगर आपको अधिकतर सफर के दौरान उल्टी होती है तो यात्रा के पहले दही और अनार का सेवन करें।
- केवल दही का सेवन करने से भी आपको लाभ मिलेगा। इसके लिए करीब 50 ग्राम दही को शहद या शक्कर के साथ खा लें।
- सुबह के समय सर्वकल्प क्वाथ का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए एक लीटर पानी में सर्वकल्प क्वाथ डालकर धीमी आंच में उबाल लें। जब पानी 400 ग्राम बचे तो गैस बंद कर दें और इसे ठंडा करके या फिर गुनगुना सेवन करें।
- रात को सोने से पहले एक गिलास पानी में एक-एक चम्मच जीरा, धनिया और सौफ का भिगो दें और सुबह इसका सेवन कर लें। इससे भी लाभ मिलेगा।
- रोजाना कपालभाति और अनुलोम विलोम प्राणायाम करें। इससे भी आपको सफर के दौरान आने वाली उल्टियों से छुटकारा मिलेगा।