माता रानी के भक्त साल भर नवरात्रि के त्योहार का इंतजार करते हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में जहां कुछ लोग अपने घर के मंदिर में पूजा करते हैं, तो वहीं कुछ लोग मंदिर में जाकर मां दुर्गा के दर्शन करना पसंद करते हैं। मंदिर में महसूस होने वाली वाइब भक्तों के दिल को खुश कर देती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में अलग-अलग जगहों पर स्थित माता रानी के मंदिरों में साल भर भक्तों की अच्छी खासी तादाद देखने को मिलती है। आइए ऐसे ही कुछ मंदिरों के बारे में जानते हैं।
ज्वाला देवी मंदिर
ज्वाला देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित है। इस तीर्थ स्थान को देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। शास्त्रों की मानें तो इस मंदिर में सती की जिह्वा गिरी थी।
करणी माता मंदिर
राजस्थान के बीकानेर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर करणी माता मंदिर स्थित है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मंदिर को चूहे वाले मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में साल भर देश-विदेश से आए भक्तों की भीड़ नजर आती है।
दुर्गा मंदिर, वाराणसी
वाराणसी में स्थित दुर्गा मंदिर का इतिहास भी काफी ज्यादा रोचक है। मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित की गई मूर्ति मनुष्यों द्वारा नहीं बनाई गई बल्कि प्रकट हुई थी। नवरात्रि के दौरान हजारों भक्त इस मंदिर में माथा टेकने के लिए आते हैं।
नैना देवी मंदिर
नैनीताल में स्थित नैना देवी मंदिर नैनी झील के किनारे पर स्थित है। नैना देवी मंदिर में सती के रूप की पूजा की जाती है। नैनीताल में स्थित ये प्राचीन मंदिर में दो नेत्र हैं, जो नैना देवी को दर्शाते हैं।
दक्षिणेश्वर काली मंदिर
1847 में दक्षिणेश्वर काली मंदिर का निर्माण शुरू हुआ था। कहा जाता है कि जान बाजार की महारानी रासमणि ने एक सपना देखा था, जिसमें मां काली ने उन्हें इस मंदिर के निर्माण का निर्देश दिया था। 1855 में 25 एकड़ में फैले इस भव्य मंदिर का निर्माण पूरा हुआ था।