Tuesday, November 05, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. सैर-सपाटा
  4. एडवेंचर और ट्रैकिंग के दीवानों के लिए बुरी खबर! उत्तराखंड के जंगल में लगी आग से पर्यटन हो सकता है प्रभावित

एडवेंचर और ट्रैकिंग के दीवानों के लिए बुरी खबर! उत्तराखंड के जंगल में लगी आग से पर्यटन हो सकता है प्रभावित

उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। इस आग के कारण 5 लोगों की जान चली गई है। वहीं, अब ऐसी खबर आ रही है कि आग लगने से पर्यटन गतिविधि भी प्रभावित होगी।

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published on: May 06, 2024 14:04 IST
ट्रैकिंग के दीवानों के लिए बुरी खबर! - India TV Hindi
Image Source : SOCIAL ट्रैकिंग के दीवानों के लिए बुरी खबर!

उत्तराखंड के जंगल में लगी भीषण आग की घटना ने हर किसी को हैरान परेशान कर के रख दिया है। जानकारी के मुताबिक, जंगल में लगी आग की चपेट में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में हुई इस घटना ने हर किसी को हैरान कर दिया है। सूत्रों की मानें तो कुमाऊं में पिछले कुछ दिनों में ही 65 से ज्यादा आग लगने की घटनाएं हुई हैं। जिस कारण 1145 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। इन जंगलों में आग लगने से उत्तराखंड का पर्यटन गतिविधि भी प्रभावित हो सकती है। दरअसल, 10 मई के बाद कुमाऊं क्षेत्र में ट्रैकिंग सीजन शुरू होता है और अभी तक यहां की आग बुझी नहीं है। ऐसे में अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि ट्रैकिंग होगी या नहीं? हालांकि, आग पर काबू पाने के लिए भारती वायुसेना की भी मदद ली जा रही है। चलिए जानते हैं ट्रैकिंग को लेकर अधिकारियों का क्या कहना है? 

ट्रैकिंग को लेकर असमंजस की स्थिति:

आग लगाने की वजह से उत्तराखंड के पर्यटन पर भी बूरा प्रभवा पड़ रहा है। खासकर उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में 10 मई के बाद शुरू होने वाले ट्रैकिंग सीजन और पर्वतारोहण यात्राओं पर सवालिया निशान लग गया है। दरअसल, यह मौसम ट्रैकिंग सीजन का है और कई ग्रुप यहाँ पर ट्रैकिंग के लिए आते हैं। ऐसे में ये खबर सुनने के बाद अब वे असमंजस में हैं कि क्या किया जाए। हालांकि यहां के अधिकारियों का कहना है कि ट्रैकिंग सीजन 10 मई के बाद शुरू हो रहा है ऐसे में हम उम्मीद कर रहे हैं कि तब तक जंगल की आग पर काबू पा लिया जाएगा। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो एडवाइजरी जारी करनी होगी।

क्या है आग लगने का कारण?

सूखे पेड़ों या बांस के रगड़ खाने या फिर पत्थरों से निकली चिंगारी और बिजली गिरने के कारण जंगल में आग लगने की घटना देखी जाती है। इसके अलावा यहां  3.94 लाख हेक्टेयर में फैले ज्वलनशील चीड़ के पेड़ भी हैं। देवभूमि के जंगलों में लगी आग 90 फीसदी मानव निर्मित भी है। पहाड़ियों में ग्रामीण परंपरागत तौर पर नई घास को उगाने के लिए जंगल के फर्श को जलाते हैं। इसके अलावा जंगलों के पास बीड़ी या अलाव को छोड़ने जैसी घटनाएं भी आग को बढ़ावा देती है।

 

 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Travel News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement