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धुआंधार झरने और मोगली के जंगल को देखने के लिए आपको आना होगा हिंदुस्तान के 'दिल' में...

भीमबेटका से लेकर पचमढ़ी तक, या धुआंधार जलप्रपात से लेकर पेंच टाइगर रिजर्व तक मध्यप्रदेश में ऐसे तमाम मूर्ति स्थान हैं जिन्हें देखना पर्यटकों के लिए काफी आनंददायक होगा।

Written by: Himanshu Tiwari
Updated : June 09, 2021 21:19 IST
Madhya Pradesh Tourism
Image Source : TWITTER/MADHYA PRADESH TOURISM धुआंधार झरने और मोगली के जंगल को देखने के लिए आपको आना होगा हिंदुस्तान के 'दिल' में...

हिंदुस्तान का दिल कहे जाने वाले प्रदेश मध्य प्रदेश में तमाम सांस्कृतिक मूर्ति धरोहरों का भंडार है। भीमबेटका से लेकर पचमढ़ी तक, या धुआंधार जलप्रपात से लेकर  पेंच टाइगर रिजर्व तक मध्यप्रदेश में ऐसे तमाम मूर्ति स्थान हैं जिन्हें देखना पर्यटकों के लिए काफी आनंददायक होगा। इसमें प्रदेश के साथ-साथ भारत का भी गौरव है कि हाल ही में मध्य प्रदेश से भेड़ाघाट-लमेताघाट और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में मान्यता दी गई है। 

तो आइए इन मध्य प्रदेश के चंद मूर्त धरोहरों के बारे में जानने के लिए एक ऐसे सफर पर चलते हैं जिसे जानना समझना हर उस घुमंतू इंसान के लिए काफी रोचक होगा।

भेड़ाघाट का धुआंधर जलप्रपात

अमरकंटक से निकलने वाली दो नदियों में से एक नर्मदा के बहाव के रास्ते में भेड़ाघाट का धुआंधार जलप्रपात स्थित है। जहां नर्मदा नदी ऊंचे संगमरमर की चट्टानों से धीरे-धीरे बहती है और थोड़ी दूरी पर धुआंधार के नाम से प्रसिद्ध एक शक्तिशाली झरने की तरह नीचे गिरती है। संगमरमर की अधिकता पाए जाने की वजह के सफेद पहाड़ियों से गिरत जल में धुएं जैसी आभा नजर आती है, जिसके चलते है इसे धुआंधार जलप्रपात कहा जाता है। चांदनी रातों पर जादुई प्रभाव पैदा करती हैं। इसकी खूबसूरती को देखते हुए इसे भारत का नियागरा फॉल भी कहा जाता है। 

प्रकृति से प्रेम करने वाले नवंबर से मई तक इस जगह नाव की सवारी का भी आनंद ले सकते हैं क्योंकि संगमरमर की चट्टानों के माध्यम से चांदनी रात में नौका विहार करना निश्चित रूप से आपको एक यादगार अनुभव प्रदान करेगा। यहां एक रोप वे या केबल कार भी उपलब्ध है जो कण्ठ से होकर प्रकृति के चमत्कार और आकर्षक नजारे को देखने का अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है।

मोगली का जंगल - पेंच

मध्य प्रदेश के शहर शिवनी में बसा पेंच टाइगर रिजर्व अपने आप में बच्चों की कहानियां की खास किरदार मोगली के लिए भी जाना जाता है। ऐसा बताते हैं कि  रूड यार्ड किपलिंग ने अपनी किताब द जंगल बुक, जिसने मोगली का किरदार खास है, के लिए पेंच टाइगर रिजर्व को ही अपनी कहानियों का प्लॉट बनाया था।

आज मध्य प्रदेश अपनी मूर्त धरोहरों के लिए विख्यात है तो एक तरफ वन्य जीव प्राणियों की बहुलता के लिए भी जाना जाता है। न सिर्फ आधुनिक समय में बल्कि मध्यकालीन इतिहास शो में भी पेंच का जिक्र किया गया है, खास तौर पर अबुल फजल की लिखी किताब आईन-ए-अकबरी में वहां की खूबसूरती का जिक्र किया गया है कि अकबर के साम्राज्य में पेंच जैसे खूबसूरत स्थान भी शामिल है। 

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