क्राइस्ट चर्च, शिमला
वैसे तो आपने शिमला में घूमने के बारें में बहुत सुना होगा। लेकिन जो यहां पर चर्च है वहां नहीं गए तो शिमला जाना बेकार हैं। आज इस चर्च को शिमला का ताज कहा जाता है। इसे साल 1857 में नियो गोथिक कला में बना यह चर्च एंग्लीकेन ब्रिटिशन कम्युनिटी के लिए बनाया गया था जिसे उस समय सिमला कहते थे।
इस चर्च को कर्नल जेटी बोयलियो ने साल 1844 में डिजाइन किया था। इसे बनाने में पूरे 13 साल लगे थे। इस चर्च में कुछ खास तरह से डिजाइन किया गया है कि इस चर्च के चारों ओर पांच खिडकिया है। जो कि बहुत ही कीमती कांच से बनाई गी है। ये खिड़कियां ईसाई धर्म के विश्वास, उम्मीद, परोपकार, धैर्य, विनम्रता का प्रतीक है।