चारों ओर से घिरे घने जंगलों के बीच पहाड़ियां और सर-सर बहती हवा हर किसी के मन-मोह ले लेती है। बस जी चाहता है कि यहीं पर बस जाऊं। ये ठंडी-ठडी हवा जब हमारे चेहरे पर लगती है तो मानो ऐसे लगता है कि हवा हमसे बात कर रही है। वह कुछ कहना चाहती है। प्यारी सी वह हवा मानो बोल रही हो कि सब तनाव, दुख को खत्म करो और एक नई जिंदगी जिओ जो कि तुम्हारा हक है। अगर आपको भी कुछ ऐसी ही चाहत है तो बस अपने काम से थोड़ा सा वक्त निकालकर खुद को बेस्ट टाइम देकर इस खुशनुमा जगह का आनंद ले सकते है।
दिल्ली के पास होने के कारण वीकेंड में आप आसानी से यहां का मजा ले सकते है। चारों ओर हल्की ठंड, पहाड़ों के बीच से निकलते हुए सूरज का मनोरम दृश्य जो आपको अलग ही सुकुन देगा। वहां पर मौजूद हर चीज एक परिवार की तरह लगेगी जो कि आपकी हर परेशानी को छूमंतर कर एक नई उमंग और जोश भर देगी। जी हां, मैं बात कर रही हूं नैनीताल की, जहां पर जिंदगी से प्यार हो जाएगा और ऐसा सुकून शायद ही आपको कहीं और मिले। वहां एंडवेंचर के साथ-साथ शांति है और खूबसूरत शाम के साथ एक नई सुबह के आने का सबसे ज्यादा इंतजार रहता है।
अब बात करें आपके बजट की तो ये जगह सस्ती भी है और मंहगी भी यानी कि अगर आप शॉपिंग के मूड में है तो आपकी जेब थोड़ी ज्यादा खाली हो जाएगी। अगर सिर्फ घूमना चाहते है तो 5 हजार के अंदर ही आप अपने दिल की बातें सुन और महसूस कर सकते है।
अब बात करें घूमने की तो यहां 2 दिन ही काफी है। लेकिन अगर आप चाहते तो एक सप्ताह भी आपको कम लगेंगे। अपनी बोरियत को दूर करने, अकेलेपन और तनाव को दूर करने के लिए बस पैक करें एक बैग और चल पड़े एक सुहाने सफर पर।
इस सुहाने सफर का आनंद आप तभी उठा सकते हैं जब आपको वहां के बारे में हर एक चीज पता है नहीं तो आपके इस सुकून में ग्रहण लगाने के लिए वहां काफी लोग मिल जाएं। इससे बचने के लिए चलो हम आपकी थोड़ी सी मदद कर देते है और हर एक चीज बता देते है जिससे कि आपका हर एक पल खुशनुमा बीते।
मैं यहां पर कई जगह घूमीं जिनमें से नैनी लेक, नयना देवी मंदिर, बड़ा बाजार, तिब्बतन मार्केट, खुर्पाताल, प्वाइंट व्यू आदि जगह पर गई। अगर आप यहां जाने के मूड में है तो अपने दोस्तों, गर्लफ्रेंड या फिर हनीमून मनाने जा सकते हैं।
कैसे पहुंचे
मैं आनंद बिहार बस स्टॉप से सीधे नैनीताल की बस पकड़ी जिसने मुझे काठगोदाम उतारा, जिसके बाद 36 किमी आपको सूमो (गाड़ी) से ले जाया जाएगा जिसका किराया बस के किराए में ही जुड़ा होगा।
इस गाड़ी ने मुझे मालरोड छोड़ा जहां पहुंचते ही ठंडी-ठंडी हवा महसूस होगी तो मैं समझ गई कि आसपास ही नैनी लेक है। चंद कदम चली ही थी कि सामने लेक दिखी जिसे देखते ही सारी थकान छूमंतर हो गई। बस मन से आवाज आई स्वर्ग में आपका स्वागत है मैडम... सब टेंशन को छोड़ अब इन पलों को दिल खोलकर एंजॉय करों...
ठहरने की व्यवस्था
आप चाहे तो पहले ही ऑनलाइन बुकिंग कर सकते है या फिर आप यहां जाकर जू रोड, मल्लीताल और तत्लीताल में अपने बजट के हिसाब से कमरा ले सकते है। जहां पर आराम से फ्रेश होकर अपने हर एक पल को जीने के लिए तैयार हो सकती है, जैसा कि मैंने किया।
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