नई दिल्ली: अगर आप कही घूमनें का मन बना रहे हो और आपको समझ नही आ रहा है कि कहा जाए तो हम अपनी खबर में बतातें है कि कहां जाए। प्रकृति का अछूता सौंदर्य और जनजातीय संस्कृति व सभ्यता की धरोहरें अगर आप मूल रूप में देखना चाहते हैं तो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की सैर पर निकलें। जो किसी स्वर्ग से कम नही है जहां पर चारों ओर पर्वत ही पर्वत है और जहां चारों ओऱ नदियों के तट है औऱ जिनसे कल-कल की आवाज आती हुई सुनाई देती है साथ ही जहां पर घने जंगलों के बीच पक्षियों की आवाज गुंजती हो। जहां से आपका आने का मन नही करेगा।
अपने जीवन में एक बार इस जगहों पर जरुर जाए। यह ऐसे शहर है जहां पर आपको जानें के लिए ज्यादा पैसे खर्च करनें की भी जरुरत नही है। कम खर्च में भी आप यहां का भरपूर आनन्द लें सकते है।
अरुणाचंल प्रदेश. असम, मिजोरम. त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर, मेघालय ऐसे राज्यों में शामिल है जो अपनी खाशियत के कारण प्रसिद्ध है। जहां पर आपके मन को शान्ति और सुकून मिलेगा साथ ही यह ऐसे राज्य है जहां में प्रदूषण न के बराबर ही है। अगर आप नें मौसम को ध्यान में न रखतें ही जानें का मन बनाया दै तो यहां जाए। जहां जानें के है कुछ कारण।
जानिए ऐसे कुछ कारण जिसकी वजह से आपको यहां जाना चाहिए।
मौसम-
यहां का मौसम ठीक रहता है न ज्यादा ठंड होती और न ही ज्यादा गर्मी होती है। गर्मियों के समय थोडा तापमान ज्यादा हो जाता लेकिन बारिश हो जाने पर वो भी कम हो जाता है।
दोस्ताना व्यवहार
यदां रहनें वालें लोग बहुत ही अच्छें दिल के होते है । यह आपके साथ एक दोस्त की तरह व्यवहार करेगे। वह पर्यटकों को अपना अच्छा दोस्त मानते है।
साधारण जीवन-
यहां के रहनें वालें लोग बहुत ही साधारण तरीके से रहते है। यहां पर आपको स्मार्टफोन औऱ आई फोन को अपनी लाइफ में शामिल नही किया है। एन लोगों को विलासिता से रहना बिल्कुल नही पसंद है।
परांपरिक घर-
यहां के घरों में आपको एक छोटे संग्रहालय की तरह लगेगें क्योकि इनमें वास्तु कला, सजावट के लिए इसेतोमाल किया गया सांस्कृतिक चीजें और कला का शानदार नमूना देखनें के मिलेगा।
अमोजिंग सुबह
हां पर आपको जगनें के लिए अलार्म की जरुरत नही पडेगी क्योंकि आपको जगानें के लिए पक्षियों की मधुर चहचाहट आपको जगा देगी और आपको दिन खास बना देगे।
शान्ति से भरी हुई रात-
आप दिनभर घूमकर थक गए होगे तो रात में चैन की नीद आनी चाहिए इसके लिए आप जानें क्या-क्या कोशिशे करते है जिससे कि अच्छी नींद आ जाए। लेकिन ऐसा हो नही पाता है। अगर आफ सूकुन वाली नींद चाहते है तो यहां आपको अच्छी नींद आएगी।
खानें का स्वाद है लाजवाब-
अगर आप जनजातीय क्षेत्रों के व्यंजन आजमाने के शौकीन हैं तो इनका मजा भी ले सकते हैं। यहां सभी जनजातियों के भोजन बनाने के तौर तरीके अलग-अलग हैं। यहां के अधिकतर लोग मांसाहारी हैं। चावल का प्रयोग भी सभी राज्यों में खूब होता है। असम और मणिपुर का खानपान उत्तर भारत से बहुत मिलता-जुलता है। यहां चावल के साथ मछली, मांस और सब्जियां खाने का चलन है। नगालैंड के लोग कई तरह के मांस चावलों के साथ चाव से खाते हैं।