Saturday, November 23, 2024
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ऐतिहासिक स्थलों की लंबी श्रृंखला है राजगीर

बिहारशरीफ: अगर आप गर्मी छुट्टी में कहीं एक ही स्थान पर जाकर सभी तरह के पर्यटक स्थलों का मजा लेना चाहते हैं तो इसके लिए बिहार के नालंदा जिले का राजगीर आपके लिए सबसे उपयुक्त

IANS
Updated on: May 24, 2015 12:58 IST

biharइतिहास की पुस्तकों के अनुसार, प्राचीन में राजगीर को बसुमति, बारहद्रथपुर, गिरिवगज, कुशाग्रपुर एवं राजगृह के नाम से जाना गया है। राजगीर में ऐतिहासिक, प्राचीन एवं धार्मिक स्थलों का संग्रह है। यहां जहां सप्तकर्णि गुफा, सोन गुफा, मनियार मठ, जरासंध का आखाड़ा, तपोवन, वेणुवन, जापानी मंदिर, सोनभंडार गुफाएं, बिम्बिसार, कारागार, आजातशत्रु का किला है तो रत्नागिरी पहाड़ पर बौद्ध धर्म का शांति स्तूप है।

इतिहासकारों के अनुसार, बुद्ध जब यहां धर्म का प्रचार कर रहे थे तब यहां वंश सम्राज्य का शासन था। इस वंश के राजा विम्बिसार मगध के सम्राट थे। विम्बिसार बुद्घ और बौद्ध धर्म के प्रति काफी श्रद्धा रखते थे। पांचवीं सदी में भारत की यात्रा पर आए चीनी तीर्थ यात्री फाहियान ने अपने यात्रा वृत्तांत में लिखा था कि राजगीर की पहाड़ियों के बाहरी हिस्से में राजगृह नगर का निर्माण विम्बिसार के पुत्र आजातशत्रु ने ही करवाया था।

बौद्धधर्म की मान्यताओं के मुताबिक, बुद्ध के निर्वाण के बाद बौद्ध धर्मावलंबियों का पहला महासम्मेलन वैभारगिरि पहाड़ी पर ही हुआ था। इसी सम्मेलन में पालि साहित्य की विशेष ग्रंथ 'त्रिपिटिक' तैयार हुआ था। भगवान महावीर ने ज्ञान प्राप्ति के बाद पहला उपदेश भी विपुलगिरि पर्वत पर ही दिया था।

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