- इसकी पश्चिमी दीवार की खिड़कियों पर उकेरी गई जालियां पूरी दुनिया में मशहूर है। एक-दूसरे से लिपटी शाखाओं वाले पेड़ को दिखाती ये नक्काशी पत्थर से तैयार की गई है।
- इस मस्जिद में करीब 10 जालियां हैं, जिनमें 7 जालियों में पत्थर पर वृक्ष एंव पत्तियों की नक्काशी की गई है और तीन जालियां खुली हुई हैं। 12 स्तंभों पर टिकी मस्जिद के द्वार पर दो मीनार और अंदर 15 गुंबद बने हुए हैं। मस्जिद के पास ही सीदी सैय्यद की मजार बनी हुई है।
- इस मस्जिद में जालीदार नक्काशी का बेहतरीन काम हुआ है, इसीलिए इसे सीदी सैयद की जाली भी कहते हैं। अहमदाबाद के ठीक बीचोंबीच लाल दरवाजा के पास बनी ये मस्जिद भारतीय-अरबी नक्काशी का बेजोड़ नमूना है। इसकी दीवारों पर मार्बल लगाए गए हैं।
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