नई दिल्ली: जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ऐतिहासिक सीदी सैयद मस्जिद गए। बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब पीएम मोदी देश की किसी मस्जिद में गए हैं। मोदी ने मस्जिद में जाकर मुसलमानों को साफ मैसेज दे दिया है। मैसेज ये है कि मोदी को मस्जिद कबूल है।
उनकी मस्जिद में मौजूदगी सिर्फ औपचारिकता या प्रतीकभर नहीं थी, पूरी दुनिया के सामने और पूरे तामझाम के साथ मोदी अहमदाबाद की ऐतिहासिक सिदी सईद मस्जिद में पहुंच थे जहां उनके साथ थे जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे। इस दौराम पीएम खुद शिंजो के गाइड बने।
आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि प्रधानमंत्री मोदी का पहली बार देश की किसी मस्जिद में जाना हुआ वो भी गुजरात की मस्जिद में। वैसे ये दूसरा मौका है जब बतौर पीएम मोदी किसी मस्जिद में जा रहे हैं। इससे पहले वो एक बार मस्जिद में जा चुके हैं लेकिन अपनी विदेश यात्रा के दौरान। अगस्त 2015 में यूएई यात्रा के दौरान पीएम मोदी अबू धाबी की मशहूर शेख जायेद मस्जिद गए थे। ये मस्जिद सऊदी अरब के मक्का और मदीना के बाद दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद है।
एक साथ दो प्रधानमंत्रियों के इस मस्जिद में एक जाना जरुर इसके बारें में कुछ दिलचस्प बातें होगी। दरअसल यह मस्जिद 500 साल पुराना है। जानिए इस मस्जिद के बारें में कुद खास बातें।
- अहमदाबाद में स्थित सीदी सैयद मस्जिद का निर्माण 1573 में हुआ था। जिसे गुजरात सल्तनत (1407-1573) के आखिरी सुल्तान शम्स-उद-दीन मुजफ्फर शाह तृतीय के दौर में निर्माण कराया गया था। इसके बाद गुजरात सल्तनत का पतन हो गया था।
- मुजफ्फर शाह के जनरल सुलतान अहमद शाह बिलाल झाजर खान के सहयोगी सीदी सैय्यद ने इस मस्जिद को बनवाया था। सीदी सैय्यद यमन से गुजरात आया था। वो गरीबों के लिए काम करता था। इसी सीदी सैय्यद ने 1572 में ये मस्जिद बनवानी शुरू की थी। 1573 में ये मस्जिद बनकर तैयार हो गई। इसी दौरान मुगल शासक अकबर ने मुजफ्फर शाह को गद्दी से हटाकर गुजरात सल्तनत पर कब्जा कर लिया। इतिहासकारों का मानना है कि मस्जिद के पूरा होने से पहले ही गुजरात सल्तनत बर्बाद हो गई थी। इसीलिए इसको देखकर लगता है कि कुछ काम अभी बाकी है।
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