Best Monsoon Destination in Mumbai: बारिश का मौसम चल रहा है। ऐसे में कही न कही घूमने का प्लान तो बनता ही है। चारों ओर हरियाली और सुंदरता के दृश्य मन मोह लेते है यही वे पल होते हैं जिन्हें ठहरकर जीना और संजोना हर कोई चाहता है। ऐसे में हमें समझ नहीं आता है कि आखिर वीकेंड में किस जगह जाए जहां पर मानसून का पूरा लुफ्त उठा सके।
जगहों इस मौसम में किसी भी जगह की खूबसूरती खई गुना और बढ़ जाती है। चारों ओर हरे-भरे पेड़-पौधे, खिले हुए सुंदर फूल, ऊंची पहाड़ियां स्वर्ग सी लग रही हो। घूमने का आनंद तब और दोगुना हो जाता है जब ठीक-ठाक स्थान का विकल्प भी चुना जाये। मुंबई के आस-पास की खूबसूरत जगहें जहां आप बारिश में घूमने का लुत्फ उठा सकते हैं। हाल में ही हमारे पाठक रिषभ आनंद मुंबई दर्शन के लिए गए। जिन्होंने हमें वहां के कई बेहतरीन के बारें में बताया।
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खंडाला
महाराष्ट्र का खंडाला भी हिल स्टेशन के रूप में जाना जाता है, जहां की सैर करके आप थकान और उबाऊ दिनचर्या से अलग तरोताजा महसूस करते हैं। खासकर बारिश के मौसम में यहां की दूर तक फैली हरियाली सैलानियों को देखने के लिए मजबूर कर देती है। मुंबई के नजदीक होने के कारण बॉलीवुड हस्तियों को भी वीकेंड मनाते हुए देखा जा सकता है।
यहां प्राचीन स्मारक और गुफा भी देखे जा सकते है। इसके अलावा ड्यूक नोज, रेवर्सिंग स्टेशन, और भूशी झील का मजा लिया जा सकता है। ड्यूक नोज़ एक सीधी खड़ी चट्टान की तरह है। इसे नागफनी के नाम से भी जाना जाता है।
सैलानियों के लिए यह आकर्षण का केंद्र होती है क्योंकि यहां पर रॉक क्लाइम्बिंग भी की जा सकती है। इसी पहाड़ी के नजदीक सौसेज हिल भी मौजूद है। पहाड़ों पर चढ़कर ऊपर से नीचे देखने पर नजारा देखने लायक होता है। जिसे शायद ही कोई भुला पाये।
कैसे पहुंचे-
खंडाला महाराष्ट्र के सभी प्रमुख शहरों से सड़क, रेल और हवाईमार्ग से जुड़ा है। पुणे का हवाई अड्डा सबसे नजदीक है। मुबई-पुणे एक्सप्रेस-वे, खंडाला से ही होकर गुजरता है। इसलिए सड़क मार्ग से भी बस व निजी वाहन से खंडाला का सफर तय किया जा सकता है। रेल मार्ग से जाने के लिए इंटरसिटी ट्रेन का सहारा ले सकते हैं।
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नेकलेस प्वाइंट
मानसून के इस बेहतरीन मौसम में नेकलेस प्वाइंट जरुर जाएं। यहां पर आपको बिल्कुल नेकलेस के आकार में नदी बहती हुई दिखेगी। जो कि अपने आप पर मनोरम सीन होगा। जो कि पुणे में पड़ता है।
महाबलेश्वर
बारिश के मौसम में महाबलेश्वर की खूबसूरत पहाड़ियां बेहद आकर्षक लगती है। महाराष्ट्र के सतारा जिले में महाबलेश्वर समुद्र तल से 1372 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह महाराष्ट्र का सबसे ऊंचा पर्वतीय स्थान है।
महाबलेश्वमर का शाब्दिक अर्थ है- गॉड ऑफ ग्रेट पॉवर यानि भगवान की महान शक्ति। महाबलेश्वर को पांच नदियों की भूमि भी कहा जाता है। यहां वीना, गायत्री, सावित्री, कोयना और कृष्णा नामक पांच नदियां बहती है। यहां घूमने के लिए महाबलेश्वर मंदिर, पहाड़, नदी, झरने व हरियाली से सुसज्जित मैदान की सैर तरोताजा कर देती है।
महाबलेश्वर के अलावा शाम को आप विल्ससन प्वांइट का नजारा देखना काफी अच्छा लगता है। दर्शनीय स्थानों में लिंगमाला वाटर फाल, वेन्ना लेक, पुराना महाबलेश्वर मंदिर प्रमुख हैं। भिलर टेबललैंड, मेहेर बाबा गुफाएं, कमलगर किला और हेरिसन फोली भी देखा जा सकता है।
कैसे पहुंचे
महाबलेश्वर, मुम्बई से 220 किमी. और पुणे से 180 किमी. दूर स्थित है। यहां रेल, रोड व हवाई यात्रा से पहुंचा जा सकता है। नजदीकी हवाई अड्डा पुणे हैं।
लोनावाला
मुंबई और पुणे का प्रवेश द्वार कहे जाने वाला लोनावाला खूबसूरत पहाड़ियों से सजा है। यह पुणे के उत्तर-पश्चिम में समुद्र तल से 625 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। सुंदर पहाड़, झरने और चारों तरफ मानसून में बिखरती हरियाली पर्यटकों को आकर्षित करती है।
जहां देश नहीं वरन विदेशी पर्यटकों को छुट्टियां बिताते हुए देखा जा सकता है। लोनावाला को महाराष्ट्र का स्विटजरलैंड भी कहा जाता है। जिंदगी की भाग-दौड़ से निजात पाने के लिए यहां पर आकर सुकून पा सकते है।
कैसे पहुंचे
लोनावाला पुणे से 64 किलोमीटर और मुम्बई से 96 किलोमीटर की दूरी पर है। दिल्ली से मुंबई और पुणे हवाई व सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। वहां से लोनावाला के लिए बस व टैक्सी सेवा मिलती है।
अंबोली
बारिश में अंबोली हिल स्टेशन पर बितायी छुट्टियां यादगार हो जाती हैं। महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले की सहयाद्री पहाड़ियों की दक्षिणी श्रृंखला में स्थित अंबोली स्टेशन बेहद खूबसूरत माना जाता है। जहां हरे-भरे पर्वत और उपजाऊ धरती के मनोरम दृश्य अपनी ओर बुलाते हैं। मानसून के दिनों में यहां की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं।
घने जंगलों और गहरी घाटियों के बीच से कोंकण तट की सुंदरता दोगनी दिखती है। हिरन्याकेशी में मछली पकड़ने के शौक को पूरा किया जा सकता है। अंबोली भारत में चेरापूंजी के बाद दूसरा सबसे ज्यादा बारिश वाला स्थान है। मानसून सीजन में यहां होने वाली बारिश से झरने और धुंध से यहां की प्राकृतिक छटा की सुंदरता आकर्षक दिखती है। यही कारण है कि प्रकृति को खुले आसमान में निहारने के लिए सैलानी बारिश में घूमने आते हैं
कैसे पहुंचे
सावंतवाड़ी और गोवा के पास होने से वायु, रेल व सड़क द्वारा आप आसानी से अंबोली पहुँच सकते हैं। गोवा का घरेलू हवाई अड्डा सबसे नजदीक है। रेलमार्ग से आने के लिए सावंतवाड़ी रेलवे स्टेशन का प्रयोग किया जा सकता है। जहां से टैक्सी लेकर आप अंबोली पहुँच सकते हैं। अंबोली मुंबई से 550 कि.मी. और 400 कि.मी. पुणे से दूर है।