नई दिल्ली: दुनियाभर के इंजीनियर्स और आर्किटेक्ट के लिए अनसुलझा रहस्य बनी हुई है ये झूलती हुई मीनार। क्योंकि किसी एक मीनार को हिलानें पर दूसरी वाली कुछ अंतराल में खुद ही हिलने लगती है। जिसके कारण इसका नाम झूलती मीनार रखा गया है।
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इतना ही नही कई बीर भुकंप आने पर भी इस मस्जिद में कोई प्रभाव नही पड़ा। विशेषज्ञ इसे कुछ भी कहें लेकिन लोगों के लिए यह एक अजूबा बना हुआ है।
झूलती मीनार जिसे सीदी बशीर मस्जिद कहते है। यह गुजरात राज्य के अहमदाबाद शहर में स्थित है। गुजरात जो धार्मिक और अन्य ऐतिहासिक इमारतों की खुबसूरती के कारण प्रसिद्ध है।
सीदी बशीर मस्जिद जिसे झूलती हुई इमारत कहते है। अपनी हिलने की प्रक्रिया के कारण एक रहस्य बनी हुई है । जिसे आज तक दुनिया का कोई भी इंजीनियर नही बता पाया। इसका रहस्य जानने के लिेए ब्रितानी शासन काल में बिट्रेन से इंजीनियर बुलाए गए थे। जिन्होंने इसकी खुदाई भी कराई, लेकिन उनकी हर कोशिश नकाम रही। और वह भी इसका रहस्य नही जान पाए।
इस मस्जिद का निर्माण
माना जाता है कि इस मस्जिद का निर्माण 1461-64 के बीच सारंग ने सारंगपुर में कराया था। उस समय सीदी बशीर इस प्रोजेक्ट के पर्यवेक्षक थे। जब इनकी मृत्यु हुई उसके बाद इन्हें इसके पास ही दफना दिया गया। जिसके कारण इस मस्जिद का नाम सीदी बशीर मस्जिद पड़ा। साथ ही जिसें हिलनें के कारण झूलती हुई मीनार कहा गया।
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