यह है म्यूटिनी हाउस, कश्मीरी गेट
जहां यह स्मारक 1857 में मारे गए सिपाहियों की याद में अंग्रेजों ने बनवाया था। कहा जाता है कि आझ भी इन सिपाहियों की आत्मा यहा घूमती है जिसके कारण इसे हांटेड जगह माना जाता है।
यह है म्यूटिनी हाउस, कश्मीरी गेट
जहां यह स्मारक 1857 में मारे गए सिपाहियों की याद में अंग्रेजों ने बनवाया था। कहा जाता है कि आझ भी इन सिपाहियों की आत्मा यहा घूमती है जिसके कारण इसे हांटेड जगह माना जाता है।