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Photo Blog: रण उत्सव तो सिर्फ एक बहाना है, गुजरात में बहुत कुछ दिखाना है...

रण उत्सव तो सिर्फ़ एक बहाना है, गुजरात में बहुत कुछ दिखाना है...यह लाइन किसी ने सही कही है, क्यूंकि रण उत्सव के बहाने ही मैंने बहुत कुछ ऐसा देख डाला जिसे देखने शायद अलग

IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 20, 2016 17:45 IST
rann utsav kaynat kazi- India TV Hindi
rann utsav kaynat kazi

रण उत्सव तो सिर्फ एक बहाना है, गुजरात में बहुत कुछ दिखाना है...यह लाइन किसी ने सही कही है, क्यूंकि रण उत्सव के बहाने ही मैंने बहुत कुछ ऐसा देख डाला जिसे देखने शायद अलग से मैं कभी आती ही नही गुजरात। इस बार मौक़ा था रण उत्सव में जाने का। चार दिन की मेरी यह तूफ़ानी यात्रा अपने मे समेटे थी बहुत कुछ अनोखा। अहमदाबाद से सुरेन्द्रनगर, सुरेन्द्रनगर से गांधी धाम और गांधी धाम से धोर्ड़ो गांव जहां कि रंण उत्सव मनाया जाता है। मैं पहले ही बता दूं कि इनमे से कोई भी जगह आस-पास नही है लेकिन गुजरात के हाई वे बहुत अच्छे हैं कि आप बिना किसी तकलीफ़ के लंबी रोड यात्रा कर सकते हैं।

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चलिए तो फिर यात्रा शुरू करते हैं। मैं अहमदाबाद पहुंच कर निकल पड़ी सुरेन्द्रनगर में वाइल्ड एस सेंचुरी देखने। क्या है खास इस सेंचुरी मे? यही सवाल मेरे मन मे भी उठा था। पांच हज़ार वर्ग किलोमीटर मे फैला यह वेटलैंड किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। इसे लिट्ल रंण ऑफ कच्छ कहते हैं। यह जगह इसलिए मशहूर है कि पूरी दुनिया मे सिर्फ़ यहीं वाइल्ड एस पाए जाते है। वाइल्ड एस यानि की जंगली गधे। कहते हैं कि यहां लगभग 3000 वाइल्ड एस हैं। इसके अलावा यहां कई अन्य जानवर भी पाए जाते हैं।

rann utsav

rann utsav

मुझे इस जगह की सबसे अच्छी बात यह लगी कि यहां तक पहुंचना बहुत आसान है। मीलों तक फैला वेटलैंड जिसे बड़ी आसानी से जिप्सी मे बैठ कर देखा जा सकता है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि यह सेंचुरी बर्ड वाचिंग के लिए बहुत अच्छी है। मेरी पिछली गुजरात की यात्रा में हम फ्लैमिंगो ढूंढते हुए मांडवी मे कितनी दूर तक समुद्र तट पर चले थे और फिर भी हमे फ्लैमिंगो नही मिले थे लेकिन यहां इस सेंचुरी मे जगह-जगह वॉटर बॉडी बनी हुई हैं जहां फ्लैमिंगो के झुंड के झुंड देखने को मिल जाते हैं वो भी बड़ी आसानी से। बस ज़रूरत है तो एक अदद ज़ूम लेंस की, और वो भी कम से कम 400 या 600 mm का ज़ूम लेंस।

लेखक के बारे में:

डॉक्टर कायनात काजी वैसे तो फोटोग्राफर, ट्रैवल राइटर और ब्लॉगर हैं, लेकिन खुद को वह सोलो फीमेल ट्रैवलर के रूप में ही पेश करती हैं। यायावरी उनका जुनून है और फोटोग्राफी उनका शौक। ब्लॉगिंग के लिए उन्हें देश के एक प्रतिष्ठित न्यूज चैनल द्वारा बेस्ट हिंदी ब्लॉगर का सम्मान भी दिया जा चुका है। हिंदी साहित्य में PHD कर चुकीं कायनात एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर हैं। कायनात राहगिरी (rahagiri.com) नाम से हिंदी का पहला ट्रैवल फोटोग्राफी ब्लॉग चलाती हैं।

आगे की स्लाइड में देखिए रण उत्सव के दिलचस्प नजारे-

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