नई दिल्ली: कालका शिमला नैरोगेज (छोटी लाइन) रेल मार्ग पर अगले दस दिनों में शीशे की छत वाला विस्टाडोम कोच दौड़ेगा। इसमें प्रति यात्री किराया 500 रूपये से अधिक हो सकता है।
यह पहला मौका है जब पर्यटक पारदर्शी छत वाले विस्टाडोम कोचों से बर्फबारी और बारिश के नजारे के अलावा कालका -शिमला के बीच के प्राकृतिक सौंदर्य को देख सकेंगे। इस वक्त नैरोगेज नेटवर्क में इस तरह के कोच दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) में संचालित हो रहे हैं।
वर्तमान में मुंबई से गोवा और विशाखापटनम से अरकू घाटी के बीच ब्राड गेज (बड़ी लाइन) पर भी विस्टाडोम कोच संचालित हो रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि जम्मू कश्मीर में भी विस्टाडोम कोच चलाने का प्रस्ताव है लेकिन सुरक्षा कारणों से इस योजना को रोककर रखा गया है।
वर्तमान में शिवालिक एक्सप्रेस डीलक्स एक्सप्रेस का किराया 425 रूपये है और सबसे कम किराया 25 रूपये है।
अधिकारी ने बताया कि विस्टाडोम कोच का किराया 500 रूपये से अधिक हो सकता है जो इस रास्ते पर चलने वाली पहली वातानुकुलित ट्रेन होगी।
उन्होंने बताया कि इसके लिए पुराने द्वितीय श्रेणी के कोचों को नवीनीकृत किया गया है, सीटों को बेहतर बनाया गया है और चारों तरफ शीशे लगाये गये हैं जिससे इसमें बैठने वाले यात्री प्राकृतिक छटा का आनंद उठा सकेंगे।
अंबाला के मंडलीय रेल प्रबंधक डीसी शर्मा ने बताया कि इस कोच की क्षमता 36 यात्रियों को ले जाने की है। इसमें टॉयलेट एवं खानपान की सुविधा अभी नहीं है। बाद में आने वाले कोच में टायलेट होने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि अगले दस दिनों में हम इसे जनता के लिए खोलने की योजना बना रहे हैं।
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