नई दिल्ली: हर देश के अपने नियम-कायदे और रिवाज होते हैं, जिससे यात्री अनजान भी हो सकते हैं, हालांकि यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की यह जिम्मेदारी है कि वह उस देश के प्राकृतिक पर्यावरण को संरक्षित करने में सहयोग दें। 'फीमेलफर्स्ट डॉट को डॉट यूके' ने जिम्मेदार यात्री बनने के संबंध में ये सुझाव दिए हैं।
स्थानीय होटल में रहने से आप न सिर्फ वहां के पारंपरिक अनुभव से ज्यादा वाकिफ हो पाएंगे, बल्कि स्थानीय व्यवसायियों को भी लाभ पहुंचाएंगे, जो आगंतुकों को उस जगह की खूबसूरती का दीदार कराके अपनी जीविका चलाते हैं। वाइल्डलाइफ कुछ खास देशों, जगहों को घूमने का एक बड़ा हिस्सा है।
वाइल्ड सफारी का लुत्फ उटाने के दौरान इस बात का भी ध्यान रखें कि वन्यजीवों के साथ सेल्फी लेने से वे डर भी सकते हैं और ह्यूमन फूड खिलाना उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। स्थानीय वाइल्डलाइफ और इसके आसपास के परिवेश का सम्मान करें।
किसी शहर को जानने और उसकी पारंपरिक चीजों से वाकिफ होने के लिए स्थानीय बाजारों से खरीदारी करना अच्छा होगा, इससे स्थानीय दुकानदारों को भी लाभ होगा और आपके पास कुछ प्यारी, अनोखी यादगार चीजें होंगी। जब हम पानी के बिल का भुगतान नहीं करते हैं, तो इसकी अहमियत को नजरअंदाज कर बेहिसाब पानी गिराते हैं और स्थानीय पर्यावरण पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा इस बारे में नहीं सोचते हैं, इसलिए दांत ब्रश करने के दौरान टैप (टोंटी) बंद रखें और नहाने के समय भी ज्यादा पानी न गिराएं।
स्थानीय गाइड के साथ दर्शनीय स्थलों की यात्रा करने से न सिर्फ आप उस जगह के बारे में ज्यादा जान पाएंगे बल्कि एक तरह से गाइड की वित्तीय मदद भी करेंगे, जो पर्यटकों को अपने क्षेत्र के दर्शनीय स्थलों, संस्कृति से परिचित करा कर अपनी जीविका चलाते हैं। स्थानीय भाषा की थोड़ी-बहुत जानकारी होना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। इससे आप स्थानीय लोगों से बात कर सकते हैं और आप वहां के लोगों का भरोसा जीत सकते हैं, और आपको कुछ खास इलाकों में जाकर वहां की संस्कृति को अच्छी तरह से समझने में भी मदद मिलेगी।