नई दिल्ली: भगवान गणेश हिन्दू धर्म में प्रथम पूजनीय भगवान माने जाते है। भगवान गणेश को रिद्धि सिद्धि और बुद्धि का देवता कहा जाता है। भारत में हर शुभ कार्य से पहले गणेश पूजन किया जाता है क्योंकि यह पूज्नीय भगवान है। इसी तरह गणेश चतुर्थी को भी गणेश जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। महाराष्ट्र का सबसे बड़ा उत्सव गणपति उत्सव होता है जो गणेश चतुर्थी के दिन शुरू होने के साथ पूरे दस दिन चलता है। साथ ही उत्सव के आखिरी दिन गणपति विसर्जन किया जाता है। महाराष्ट्र की संस्कृति में गणपति का विशेष स्थान है। विश्व प्रसिद्ध गणेश जी के मंदिर भारत के महाराष्ट्र में है। जिस प्रकार भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का विशेष महत्व है वैसे ही गणपति उपासना के लिए महाराष्ट्र के अष्टविनायक का विशेष महत्व है, क्योंकि महाराष्ट्र में गणेश के 8 सबसे प्रसिद्ध मंदिर है।
महाराष्ट्र में पुणे के समीप अष्टविनायक के आठ पवित्र मंदिर 20 से 110 किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित हैं। इन मंदिरों का पौराणिक महत्व और इतिहास है। इनमें विराजित गणेश की प्रतिमाएं स्वयंभू मानी जाती हैं, यानि यह स्वयं प्रगट हुई हैं। यह मानव निर्मित न होकर प्राकृतिक हैं। 'अष्टविनायक' के ये सभी आठ मंदिर बहुत पुराने और प्राचीन हैं। इन सभी मंदिरों के बारें में गणेश और मुद्गल पुराण में बताया गया। इन आठ गणपति धामों की यात्रा अष्टविनायक तीर्थ यात्रा के नाम से जानी जाती है। इन पवित्र प्रतिमाओं के प्राप्त होने के क्रम के अनुसार ही अष्टविनायक की यात्रा भी की जाती है। मान्यता है कि इन मंदिरों का क्रम के अनुसार दर्शन करनें चाहिए और बाद में सबसे पहलें वालें के दर्शन करेगें तभी आपकी यात्रा पूर्ण मानी जाएगी। जानिए महाराष्ट्र के इन मंदिरों के बारें में जिनके दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएगी।
1. मयूरेश्वर या मोरेश्वर मंदिर, पुणे
2. सिद्धिविनायक मंदिर, अहमदनगर
3. बल्लालेश्वर मंदिर, रायगढ़
4. वरदविनायक मंदिर, रायगढ़
5. चिंतामणी मंदिर, पुणे
6. गिरिजात्मज अष्टविनायक मंदिर, पुणे
7. विघ्नेश्वर अष्टविनायक मंदिर, ओझर
8. महागणपति मंदिर, राजणगांव
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