श्री बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 15 मई, शुक्रवार को ब्रह्म मुहूर्त में साढ़े चार बजे वेद मंत्रोच्चार के साथ छह माह के लिए खोल दिए गए हैं। लेकिन कोरोना वायरस के चलते श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमित नहीं दी गई हैं। मंदिर को 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। पूरा मंदिर रोशनी से जगमगाने के साथ कपाल खुलने के समय वेद मंत्रों की ध्वनि हर जग गुजायमान थी।
बद्रीनाथ के रावल वीसी ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी ने भगवान श्री बद्रीनाथ के प्रथम दर्शन कर पूजा अर्चना की। शुक्रवार को तड़के 3 बजे कपाट खोलेन की प्रक्रिया शुरू हुई थी। सबसे पहले सिंहद्वार खोले जिसके बाद दक्षिण द्वार के मंदिर में सभा मंडप पर से होते हुए गर्भ ग्रह के मुख्य द्वार तक पहुंचे।
आपको बता दें कि कि कोरोना वायरस के कारण कपाट खोले जाने की तिथि इस बार 15 दिन आगे बढ़ा दी गई थी। पहले यह कपाट 30 अप्रैल को खोले जाने वाले थे लेकिन इस साल 15 मई को खोले गए इससे पहले केदाननाथ सहित अन्य दोनों धामों के द्वारा खोले जा चुके हैं।
कोरोना वायरस महामारी के कारण इस साल श्रद्धालुओं को दूर रखा गया है। ऐसे में श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं कि इस साल बद्रीनाथ को प्रसाद कैसे चढ़ाएं और दर्शन कैसे करें।
उत्तराखंड की सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पूजा पाठ और दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराई है। https://badrinath-kedarnath.gov.in/ वेबसाइट में जाकर आप ऑनलाइन पूजा-पाठ और दान कर सकते हैं।
इस वेबसाइट में जाकर पहले आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा। जिसमें आपको अपने अपना मोबाइल नंबर, नाम, लिंग आदि भरना होगा। इसी तरह बाबा केदार नाथ को भोग, आरती, दर्शन आदि कर सकते हैं।