इतना ही नहीं इसके आसपास 20 ऐसी ही बिल्डिंग बन गई है। जिसमें लेक, शमशाम घाट, पेयररुम, एक हॉल, पानी का टॉवर, टूरिट्स के लिे बाथरुम और आसपास भिक्षुयों के बने हुए घ शामिल है।
एक भिक्षु का कहना है कि अभी तक न ही बोतलों का रंग निकला है और यह अच्छी लाइट देती है। साथ ही इन्हें साफ करना भी बहुत ही आसान है।
इन बिल्डिगों को बनाने के लिए हरी और ब्राउन कलर की बोतल का इस्तेमाल किया गया है। यह बोतल पूरी तरह से इको-फ्रेडंली है। इसके अलावा इन बोतलों के ढक्कन भी रिसाइकल कर लिए गए है।
अभी तक इस मंदिर में 1.5 मिलियन बोतल लग चुकी है, लेकिन अभी और बोतले चाहिए। जिससे कि और बिल्डिंग बना सकें।
आपको यह बात जानकर हैरानी होगी यह मंदिर southeast Asia. की साइट के लिए इंको फैंडली प्रमाणिक हो गया है।