नई दिल्ली: हिमालय के ठीक पूर्वी छोर पर स्थित छोटा सा लेकिन प्राकृतिक दृष्टि से बेहद खूबसूरत राज्य सिक्किम। बर्फीली चोटियां हैं तो घने जंगल भी यहां वनस्पति, फल-फूलों, वन्य प्राणियों आदि की जो जैव-विविधता देखने को मिलती है, वह बड़ी दुर्लभ है।
दुनिया में कहीं भी इतने छोटे इलाके में इतनी तरह के जीव-जंतु देखने को नहीं मिलेंगे। यहां पंछियों की पांच सौ से ज्यादा किस्में हैं। इसके अलावा सिक्किम में 600 से ज्यादा किस्म की तितलियां है जिनमें से कई लुप्तप्राय हैं।
रोमांच के शौकीन लोगों के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। राफ्टिंग व कयाकिंग के लिए अक्टूबर से दिसंबर तक का समय सबसे ज्यादा मुफीद है जब नदियां अपने पूरे यौवन पर होती हैं।
सिक्किम में रोमांच राफ्टिंग के अलावा ट्रैकिंग का भी है। दरअसल राज्य तेजी से ट्रैकिंग का नया बेस बनता जा रहा है। मन व शरीर साथ दे तो ट्रैकिंग के जरिये शायद आप धरती के इस खूबसूरत हिस्से को ज्यादा नजदीकी से देख-समझ सकेंगे।
तिब्बत के बाद बौद्ध धर्म की सबसे विशाल थाती यहीं मिलेगी। रूमटेक जैसे मठ दुनियाभर में विख्यात हैं। यहां के पहाड़ बेहद खूबसूरत हैं। 12-15 हजार फुट की ऊंचाई पर कई विशालकाय झीलें हैं। इसके अलावा यहां की जैव विविधता दुर्लभ है।
गंगटोक से 75 किलोमीटर दूर दक्षिणी सिक्किम में नाम्ची से स्थित साम्द्रुप्शे में महान बौद्ध गुरु पद्मसंभव की 135 फुट ऊंची विराट प्रतिमा स्थापित की गई है जिसे देखकर पर्यटकों को दांतों तले अंगुलियां दबाने पर मजबूर होते हैं।
सबसे बढि़या समय गर्मियों से पहले मार्च से मई और फिर बारिश के बाद अक्टूबर से मध्य दिसंबर के बीच होता है। गंगटोक और सिक्किम के अन्य प्रमुख पर्यटक स्थानों पर सभी किस्म के होटल उपलब्ध हैं-महंगे भी और किफायती भी। सबसे नजदीकी एयरपोर्ट पश्चिम बंगाल में बागडोगरा है जो गंगटोक से 124 किलोमीटर दूर है।