अंबोली
बारिश में अंबोली हिल स्टेशन पर बितायी छुट्टियां यादगार हो जाती हैं। महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले की सहयाद्री पहाड़ियों की दक्षिणी श्रृंखला में स्थित अंबोली स्टेशन बेहद खूबसूरत माना जाता है। जहां हरे-भरे पर्वत और उपजाऊ धरती के मनोरम दृश्य अपनी ओर बुलाते हैं। मानसून के दिनों में यहां की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं।
ब्रिटिश शासन के दौरान अंबोली से मध्य व दक्षिण भारत में सैनिकों के लिए चौकियाँ बनाई जाती थीं। 1880 में अंबोली को एक हिल स्टेशन घोषित कर दिया गया। जिसके बाद सैलानियों के देखने के लिए पहाड़, झरनों के अलावा अंबोली गांव में प्राचीन शिव मंदिर का दर्शनीय हैं। इसके अलावा नागत्ता जलप्रपात, महादेवगढ़ और नारायणगढ़ भी जरूर देखें।
घने जंगलों और गहरी घाटियों के बीच से कोंकण तट की सुंदरता दोगनी दिखती है। हिरन्याकेशी में मछली पकड़ने के शौक को पूरा किया जा सकता है। अंबोली भारत में चेरापूंजी के बाद दूसरा सबसे ज्यादा बारिश वाला स्थान है। मानसून सीजन में यहां होने वाली बारिश से झरने और धुंध से यहां की प्राकृतिक छटा की सुंदरता आकर्षक दिखती है। यही कारण है कि प्रकृति को खुले आसमान में निहारने के लिए सैलानी बारिश में घूमने आते हैं
कैसे पहुंचे
सावंतवाड़ी और गोवा के पास होने से वायु, रेल व सड़क द्वारा आप आसानी से अंबोली पहुँच सकते हैं। गोवा का घरेलू हवाई अड्डा सबसे नजदीक है। रेलमार्ग से आने के लिए सावंतवाड़ी रेलवे स्टेशन का प्रयोग किया जा सकता है। जहां से टैक्सी लेकर आप अंबोली पहुँच सकते हैं। अंबोली मुंबई से 550 कि.मी. और 400 कि.मी. पुणे से दूर है।