सोनार का किला
ये किला राजस्थान में स्थित है। इसका नाम सोनार इसलिए रखा गया क्योंकि सुबह जब सूरज की किरणें इस किले पर पड़ती थी तब ये किला सोने की तरह चमकता था। रेगिस्थान में स्थित होने की वजह से इसे दुर्ग भी कहा जा सकता है। इसे 1156 ई0 में एक भाटी राजपूत शासक जैसल द्वारा त्रिकुरा पहाड़ी के शीर्ष पर निर्मित किया गया था।
जैसलमेर किले में कई खूबसूरत हवेलियां या मकान, मंदिर और सैनिकों तथा व्यापारियों के आवासीय परिसर हैं। यह किला एक 30 फुट ऊंची दीवार से घिरा हुआ है। यह एक विशाल 99 बुर्जों वाला किला है। वर्तमान में यह शहर की आबादी के एक चौथाई के लिए एक आवासीय स्थान है।
किला परिसर में कई कुएं हैं जो यहां के निवासियों के लिए पानी का नियमित स्रोत हैं। यह किला राजपूत और मुगल स्थापत्य शैली का आदर्श संलयन दर्शाता है। दशहरा चौक में स्थानीय शिल्प और हस्तकला की बेहद खूबसूरत वस्तुओं की छोटी-छोटी दुकानें हैं जिन पर कांच जड़े वस्त्र, चादरें, फ्रेम और कई अन्य कलात्मक वस्तुएं खरीदी जा सकती हैं।
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