नई दिल्ली: इंसानी रिश्तों ख़ासकर स्त्री-पुरुष के संबंधों की बुनियाद विश्वास और भरोसे पर टिकी होती है। लेकिन ऐसा क्यों है कि सालों के रिश्तों में एक झटके में दरार पड़ जाती है और वे टूट ही जाते हैं। क्यों साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले दूसरे को धोखा देने लगते हैं।
महिलायें हों या पुरुष 'धोखा' सब देते हैं। हैफिंगटन पोस्ट के एक सर्वे के अनुसार करीब 60 फीसदी पुरुष अपनी महिला मित्रों को धोखा देते हैं। बेशक यह आंकड़ा, पश्चिमी समाज के संदर्भ में दिया गया था। लेकिन हमारे समाज में भी धोखा होता है और बड़े पैमाने पर है। लेकिन, एक सवाल जो मौंजू है वह यह है कि आखिर ऐसे हालात होते ही क्यों हैं। धोखे के हालात बनते ही क्यों हैं। क्या केवल शौक के लिए ऐसा कदम उठाया जाता है या धोखा देना पुरुषों की फ़ितरत है? आईये जानते हैं पुरुषों के धोखे देने के कारण
भावनात्मक असंतोष
अलगाव और धोखा देने की बड़ी वजह भावनात्मक असंतोष होता है। ऐसा नहीं कि पुरुष जज़बाती नहीं होते, वे भी भावुक होते हैं। लेकिन जब उन्हें अपने साथी से वह भावनात्मक सहयोग नहीं मिलता जिसकी वे अपेक्षा करते हैं तो वह उसे बाहर तलाशने लगते हैं। यह नियम दोनों तरफ लागू होता है।