नई दिल्ली: आजकल मदर्स डे, फादर्स डे की तरह ही डॉटर्स डे भी सेलिब्रेट किये जाते हैं। अब आप सोचेंगे आखिर डॉर्टस डे की आवश्यकता क्यों पड़ी तो आज आपको बताते हैं इस के पीछे की वजह लेकिन उससे पहले आपको बताते हैं कि यह दिन हर साल सितंबर के आखिरी रविवार को मनाया जाता है।
आपको बता दें कि दुनिया भर में यह दिन अलग अलग महीनों में मनाया जाता है, लेकिन भारत में यह दिन सितंबर के आखिरी रविवार को मनाया जाता है। आप सोच रहे होंगे कैसे इस दिन की शुरुआत हुई?तो चलिए जानते हैं कैसे डॉटर्स डे मनाने के चलन की शुरुआत हुई?
आज भले ही बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। हर क्षेत्र में हैं वो तरक्की कर रही हैं, लेकिन आज भी समाज में कई जगह उन्हें कमतर आंका जाता है। इसे देखते हुए कुछ देश की सरकार ने मिलकर समानता को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया। जिससे लोग जागरूक हो और इस बात को समझे कि हर इंसान बराबर है।
भारत में डॉटर्स डे को मनाने के लिए रविवार का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि संडे के दिन हम सभी लोगों की काम से छुट्टी होती है जिससे कि इस दिन माता पिता अपनी बेटियों के साथ अच्छे से टाइम स्पेंड कर पाएं और इस दिन को खास बनाएं।
वक्त के साथ धीरे धीरे लोगों की मानसिकता में बदलाव आ रहा है। लोगों के बीच धीरे-धीरे डॉटर्स डे मनाने का ट्रेंड बढ़ रहा है। आज लोग बेटी के होने पर सेलिब्रेट करने लगे हैं। तो आप क्या सोच रहे हैं आप भी अब आज का दिन अपनी प्यारी लाड़ली बेटी के साथ सेलिब्रेट करें और उन्हें इस बात का एहसास कराएं कि आपके लिए वह कितनी महत्वपूर्ण है।