माफ करना सीखें
बच्चें हर चीज हर बात को आसानी से भूल जाते है और हर भूल को माफ कर देते है। लेकिन हम लोग किसी बात को जल्दी भूल नही पाते है। हर बात करते हुए कुढ़ते रहते है। इसलिए हमें एक बच्चें की तरह बनना चाहिए। जिससे कि आप हर सभी को माफ कर सकें। और जिंदगी का मजा ले सके।
फीलिंग्स को जाहिर करें
बच्चें अपनी फीलिंग्स को अच्छी तरह से व्यक्त कर देते है। जब उनका रोना का मन होता है वो रो लेते है। जब हसनें का मन होता है तो हंस लेते है। उन्हें इस संसार से कोई मतलब नही होता है। इसी तरह आप बी किसी भी बात की फिक्र न करें। आप घुट-घुट कर न जिेएं। जब मन हो वो काम करें।
नकल करना सीखें
बच्चें को हम जब चिढाते है तो वह भी वैसे ही करने लगते है। उन्हें किसी बात की चिंता नही होती है कि हम क्या कर रहे है। इससे इनका दिमाग भी तेज होता है, क्योंकि वह इस चीजद को बहुत ही ध्यान से देखते है। दूसरें इस बात में क्या बोलेगें। उसी तरह हमें भी करना चाहिए। इससे हमारा दिमाग भा तेज होगा। साथ ही अच्छा लगेगा।