एप्रेजल का टाइम चल रहा है और आप भी अच्छे इंक्रीमेंट increment और प्रमोशन Promotion की उम्मीद कर रहे होंगे। कई बार ऐसा होता है जब एंप्लायी को लगता है कि उसकी साल भर की मेहनत के अनुरूप उसका इंक्रीमेंट नहीं हुआ है। कई लोगों को उम्मीद के मुताबिक प्रमोशन की भी नहीं मिलता और इसका सीधा असर उनके काम पर पड़ता है। अगर आपको भी ऐसा ही लगता है कि ऑफिस में आपको आपके काम के अनुरूप ट्रीटमेंट नहीं मिल रहा है तो आपको कुछ वर्किंग फंडे अपनाने होंगे, इससे दफ्तर में आपके काम को भी सराहना मिलेगा और आपका प्रमोशन भी होना पक्का।
टारगेट डिफाइन करें
दरअसल नए जमाने में हर कंपनी टारगेट पर काम करती है। वो जमाना गया जब दफ्तर में रोबोट की तरह काम करके लोग घर चले जाते थे और कंपनी भी हर माह सैलरी दे देती थी। नए जमाने में टारगेट अचीवमेंट जरूरी है, इससे ग्रोथ भी अच्छी होती है और कर्मचारी भी एक लक्ष्य के प्रति उत्साहित रहता है। अगर टारगेट पूरा हुआ तो कंपनी चाह कर भी आपको कम इंक्रीमेंट नहीं दे पाएगी।
नो पॉलिटिक्स इन ऑफिस
दफ्तर में काम करने आए हैं तो काम करें। यहां राजनीति करने वालों को यूं तो पूरा साल गॉसिप करने में आनन्द आता है लेकिन मैनेजमेंट ऐसे लोगों पर नजर रखता है और साल के एंड में ऐसे ही लोगों को बाबा जी का ठुल्लू मिलता है। इसलिए काम पर फोकस करें और साल के एंड में इसका नतीजा आपको खुद देखने को मिल जाएगा।
मल्टीपरपज बनें
जरूरी नहीं कि जो काम आपको दिया जा रहा है, सिर्फ वही काम करने से आपको ज्यादा पैसा मिल जाएगा। मल्टीपरपज बनने की कोशिश करें क्योंकि आजकल हर कंपनी को ऐसे ही लोग चाहिए जो एक से ज्यादा फील्ड में महारत रखते हों। अपनी फील्ड के साथ साथ दूसरे कामकाज में भी समय समय पर हाथ आजमाते रहें। इससे प्रमोशन के द्वार खुल जाते हैं।
बॉस इस ऑलवेज राइट
इन लाइन पर आपको ऐतराज हो सकता है लेकिन ये सत्य है। बॉस कितना भी अच्छा, दोस्ताना और भावुक क्यों न हो लेकिन जब भी बॉस से बात करें तो ध्यान रखें कि वो 20 परसेंट हमेशा बॉस रहेगा। यानी जब वो काम की बातें करे तो उसके हुक्म का पालन करें क्योंकि आपसे ज्यादा कंपनी के प्रति उसकी जवाबदेही है और वो जो कह रहा है, आपसे ज्यादा अनुभव के आधार पर कह रहा है। 90 फीसदी मामलों में प्रमोशन और इंक्रीमेंट बॉस के साथ ट्यूनिंग पर आधारित होते हैं।
शिकायती तोता
अगर आप हर समय शिकायत करते रहते हैं तो इस आदत को बदल डालिए। दरअसल कंपनी में हर समय शिकायतों का रोने वाले लोग बॉस ही क्या एचआर को भी पसंद नहीं आते। इसलिए कर्म पर विश्वास करिए और ऑफिस की नीतियों को समझने की कोशिश कीजिए।