मां अपने बच्चों के बहुत करीब होती है और वह चाहती है कि बेटा हो या बेटी उनसे सारी बातें शेयर करें। लेकिन अक्सर ऐसा नहीं हो पाता। बच्चे अपनी कई बातें अपनी मम्मियों को बताने में कतराते हैं। कभी उन्हें लगता है कि उनकी मां उनकी बातों को समझ नहीं पाएगी तो कभी उन्हें अपनी बातों को उनसे शेयर करने से भी डर लगता है। कभी-कभी जेनरेशन गैप के कारण भी ऐसा होता है। बच्चों को लगता है कि उनकी मां आज के ज़माने के प्रॉब्लम को समझ नहीं पाएंगी।
कभी-कभी बच्चे अपनी ज़िंदगी में ऐसे दौर से गुज़र रहे होते हैं, जिसमें वह अपनी दिल की बातें अपने दोस्तों से भी नहीं कर पाते और करते भी हैं तो उन्हें अपनी समस्याओं का हल नहीं मिलता। ऐसे में उन्हें अपने माता-पिता के पास जाना चाहिए क्योंकि माता-पिता ने ज़िंदगी को बहुत करीब से देखा होता है और उनके पास बरसों का अनुभव भी होता है। ऐसे में बच्चों के कई समस्याओं का हल निकल सकता है, लेकिन अमूमन बच्चे ऐसा करते नहीं हैं और घुट-घुट कर जीते हैं।
हालांकि ऐसे में कुछ जिम्मेदारी माता-पिता की भी बनती है। पेरेंट्स को अपने बच्चों के सामने सख्त नहीं बल्कि थोड़ा कूल बनकर रहना चाहिए। बच्चों संग दोस्ताना बर्ताव रखने से बच्चों में कॉन्फिडेंस आता है कि वह बेझिझक अपनी बातों को अपने माता-पिता के सामने रख पाते हैं। अक्सर पिता की इमेज थोड़ी सख्त होती है और बच्चे उनसे कुछ भी कहने से कतराते हैं। ऐसे में यह मां की ज़िम्मेदारी होती है कि वह अपने बच्चों को इतना सहज महसूस करवाए कि उनके बच्चे उनसे खुलकर बातें कर पाएं।
जानते हैं उन बातों को, जो बच्चे अपनी मम्मियों से शेयर नहीं कर पाते...
1. करियर- आमतौर पर माता-पिता की इच्छा होती है कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर कोई सरकारी नौकरी करें या डॉक्टर, इंजीनियरिंग, टीचिंग जैसे फील्ड में अपना करियर बनाए और इसके लिए वह अपने बच्चों पर दबाव भी बनाते हैं। कई बच्चे इस दबाव के सामने अपनी इच्छाओं को मार लेते हैं और बता नहीं पाते हैं कि उन्हें किस फील्ड में दिलचस्पी है। जैसे कई बच्चे फिल्म लाइन में, ग्लैमर वर्ल्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं, लेकिन फिल्म और ग्लैमर का नाम सुनते ही कई माता-पिता भड़क जाते हैं और कहने लगते हैं कि ये हमारे बस की बात नहीं है। कई बच्चे ये मान कर चलते हैं कि उनके पेरेंट्स उन्हें समझ नहीं पाएंगे और वह अपने मन को मार के अपने माता-पिता के इच्छानुसार पढ़ाई करने लगते हैं।
2. अफेयर- यह एक ऐसा विषय है, जिसे आज भी हमारे घर में खुलकर डिस्कस नहीं किया जाता। बच्चे अपनी मम्मियों को बताने में डरते हैं कि वह किसी लड़के या लड़की को डेट कर रहे हैं। बच्चों को पता होता है कि यह बात घर पर बताते ही उनकी मम्मियां कहने लगेंगी कि यह सब हमारे घर के लिए ठीक नहीं है और यह सब बड़े लोग करते हैं। लड़कियां अगर घर में किसी लड़के का नाम ले लें तो उसी पर हाय तौबा मचने लगती है। लड़के भी अपनी गर्लफ्रेंड या फीमेल फ्रेंड की चर्चा मम्मियों के सामने करने से कतराते हैं। बच्चों को अपनी मम्मियां का लेक्चर सुनने में दिलचस्पी नहीं होती।
3. परेशानी- बच्चे अपनी परेशानी भी मम्मियों से शेयर करने में हिचकिचाते हैं। हालांकि इसमें तो बच्चों का प्यार ही छुपा होता है क्योंकि वह नहीं चाहते कि उनकी परेशानी सुनकर उनके माता-पिता परेशान हों। आज के तनाव भरे माहौल में लगबग सभी स्ट्रेस और डिप्रेशन से जूझ रहा है, लेकिन जब मम्मी पूछती हैं कि कोई प्रॉब्लम तो नहीं तो बच्चों के मुंह से यही निकलता है कि नहीं मम्मी, सब ठीक है।
4. नशे की लत- आज के समय में सिगरेट और शराब पीना आम बात हो गई है। पहले लड़कों में यह लत ज्यादा थी, लेकिन अब लड़कियों में भी यह चलन बढ़ गया है। हालांकि यह बात बच्चे अपने घर पर नहीं बता पाते क्योंकि वह जानते हैं कि उनके पेरेंट्स इतने कूल नहीं है कि उनकी बात समझेंगे। हालांकि सिगरेट, शराब पीना कूल होने की निशानी नहीं होती और इस बात पर अगर पेरेंट्स लेक्चर देते हैं और यह आपकी भलाई की बात ही है।
5. लड़ाई-झगड़े की बात- इस मामले में लड़के बहुत कच्चे होते हैं। अगर स्कूल, कॉलेज या ऑफिस में उनका किसी से लड़ाई-झगड़ा हो भी जाए तो वह अपनी मम्मियों से यह बात बताने में कतराते हैं। लड़कियां अक्सर यह बातें शेयर कर देती हैं, लेकिन लड़के इन बातों को अपने तक ही रखना चाहते हैं।
Also Read:
Mothers Day 2019 : सास को मॉम जैसा cool बनाना है तो हर लड़की को ट्राई करने चाहिए ये funde
Mothers Day 2019: आपकी हर हरकत पर नजर रखते है मां के ये 7 जासूस, मां से बड़ा डिटेक्टिव कोई नहीं