हेल्थ ,रिलेशनशिप में पड़ना और उसे अच्छे तरीके से निभाना हर किसी के बस की बात नहीं होती। भले ही चाहे कितनी सारी आदतें, पसंद एक जैसी ही क्यों न हो। आजकल तो सोशल मीडिया भी रिश्ते तोड़ने और जोड़ने का बड़ा अड्डा बन गया है। इसकी वजह से कई बार कई सारी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।कई बने बनाए रिश्ते भी खत्म होने की कगार पर आ जाते हैं। लेकिन रिलेशनशिप को सही तरीके से चलाने के लिए इन समस्याओं को जानना और उन्हें खत्म करना बहुत जरूरी है।
इसमें कोई शक नहीं है कि फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम ने हमारी लाइफ को पूरी तरह से बदल दिया है। हमें नए दोस्त बनाने और पूरी दुनिया के साथ जुड़ने का मौका मिला है। कहीं भी घूमने जाने पर, वहां से आने पर सबसे पहले हम इन सोशल साइट्स पर तस्वीरें सभी के साथ शेयर करते हैं। इसके जरिए बताने की कोशिश की जाती है कि हम दूसरे की अपेक्षा ज्यादा खुश हैं। वैसे कई बार हकीकत कुछ और ही होती है। इन खुशियों का दायरा सिर्फ इन साइट्स तक ही होता है। इसलिए दिखावा छोड़ कर हकीकत में पार्टनर से बात करें, उनसे अपनी फीलिंग शेयर करें। यकीन मानिए इससे ज्यादा खुशी मिलेगी।
याद करिए उन पलों को जब डेट पर जाना होता था। क्या पहनना है, कहां जाना है, मूवी देखनी है या लंच करना है सोचकर ही कितना अच्छा लगता था। तो रिलेशनशिप के चार्म को बनाए रखने के लिए ये सारी चीजें दोबारा से शुरू करें। मिलकर अच्छा टाइम बिताना सबको अच्छा लगता है, फिर चाहे दोस्त हो, फैमिली हो या पार्टनर। लेकिन ध्यान रखें इस क्वालिटी टाइम के बीच में कोई तीसरा नहीं होना चाहिए।
बोरिंग नाइट्स, नो रिलेशनशिप, आप अपनी खुशियों के बारे में सोचते हैं, सुनना, लेकिन समझना नहीं, खुद ही कल्पना करते रहना, आप स्पेशल डेज़ सेलिब्रेट करना भूल गए हैं, मोबाइल फोन और लैपटॉप, टीवी, आप समझते हैं कि आप मेच्योर हो गए हैं, खाना अलग-अलग खाते हैं, पहचान खो चुकी है, पार्टनर की नेगेटिव साइड पर ध्यान देना, झूठ बोलना, पुरानी चीज़ें पसंद नहीं।
रिलेशनशिप में इगो कई सारी समस्याएं खड़ी करती है। इसलिए एटिट्यूड और इगो के बीच के फर्क को जानना बहुत जरूरी है। एटिट्यूड आपको सबसे अलग बनाता है, लेकिन इगो सबसे अलग कर देता है। तो कोशिश करें ये जानने की कि पार्टनर को क्या चीजें पसंद हैं, क्या उनके और आपके लिए जरूरी है। एक-दूसरे की पसंद को अपनाएं, लेकिन हमेशा इस बात का भी ध्यान रखें किसी को बदलकर या खुद बदलकर कभी रिलेशनशिप अच्छे से नहीं चलाई जा सकती।
ज्यादतर लोगों को सिर्फ बोलने की आदत होती है। सुनना उन्हें कम ही पसंद होता है। वो अगर सुन भी लेते हैं, तो चीज़ों को समझते नहीं हैं। किसी भी हेल्दी रिलेशनशिप में अपने पार्टनर को सुनना और समझने की कोशिश करना बहुत जरूरी होता है। इसलिए पार्टनर से जब भी बात करें, सिर्फ अपनी ही पसंद-नापसंद को ही जाहिर न करें, बल्कि उनकी भावनाओं और खुशियों के बारे में भी जानने की कोशिश करें। इससे रिश्ते में मिठास बढ़ेगी।
वो आपसे पूछते हैं कि आप कैसी हैं और आप जवाब में कहती हैं कि आप ठीक हैं, लेकिन मन में आप सोचती हैं कि उन्हें पता है कि आप ठीक नहीं हैं। ऐसी कल्पना न करें, बल्कि इससे बेहतर है कि आप उन्हें अपनी परेशानी से रू-ब-रू कराएं। ऐसा बिल्कुल मत सोचिए कि आपके बताए बिना ही वो आपको समझ जाएंगे। रिश्ते के अधूरेपन को कल्पना करके नहीं, बल्कि अपनी भावनाएं बताने से पूरा किया जाता है।
सिर्फ कार्ड और गिफ्ट्स में सेलिब्रेशन को न समेटें। हालांकि, ये फिलिंग्स को जाहिर करने का अच्छा तरीका है, लेकिन फिर भी बर्थडे हो या सालगिरह, इन स्पेशल डेज़ को एक-दूसरे के साथ सेलिब्रेट करना न भूलें। चीज़ों को स्पेशल बनाएं और फिर देखें इसका असर।
आपसी बातचीत के बीच टीवी और फ्रेंड्स को न आने दें। जब महिलाएं कोई बात कर रही हों, तो पुरुषों का टीवी देखना और पुरुषों के बात करते समय महिलाओं का फोन पर बात करना रिलेशनशिप में कई सारी समस्याएं पैदा करता है। इसलिए जब पार्टनर कुछ कह रहा हो, तो सबसे पहले उन्हें ध्यान से सुनें।
जिस रिलेशनशिप में आप हैं, क्या उस वक्त भी आप ऐसे ही थें जब रिश्ते की शुरुआत हुई थी। इस पर ध्यान से सोचें और अगर इसका जवाब न हैं तो कोशिश करें अपनी पहचान बरकरार रखने की। किसी को बदलकर प्यार करने की या खुद बदलने की गुंजाइश प्यार में न रखें। क्योंकि शुरुआत में आपकी रियल इमेज के चलते ही रिश्ता कायम हुआ था।
रिश्ता जैसे-जैसे पुराना होता जाता है, पुरुष हो या महिला दोनों ही एक-दूसरे में कोई न कोई कमी निकालने लगते हैं। दोनों एक-दूसरे की नेगेटिव साइड देखने लगते हैं। किसी को कोई आदत अच्छी नहीं लगती, तो किसी को कोई। दोनों यह भूल जाते हैं कि कभी इन आदतों को अपनाकर ही रिलेशनशिप की शुरुआत की थी।
रिलेशनशिप में ईमानदारी और सच्चाई की चाहत हर पार्टनर को होती है, लेकिन बहुत कम लोग ही इस पर कायम रह पाते हैं। ज्यादातर पार्टनर ये सोचकर डर जाते हैं कि कहीं उनकी छोटी सी गलती से बात बढ़ न जाए, लेकिन वो ये भूल जाते हैं कि ऐसी चीजों को शेयर कर वो ट्रस्ट भी गेन कर सकते हैं।
कुछ लोगों का मानना है कि रिलेशनशिप जितनी पुरानी होती जाती है, उसकी चमक उतनी ही धुंधली होती जाती है और इसे बरकरार रख पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। हां ये जरूर हो सकता है कि पहले-पहले प्यार वाली फीलिंग न आए, लेकिन पुरानी चीजें कहके रिलेशनशिप की एक्साइटमेंट को खत्म कर देना ठीक नहीं है।