नई दिल्ली: दोस्त जिसे कभी भी कोई भी विस्तार में बता नहीं सकता है कि आखिर इसके सही मायने क्या है। दोस्ती एक ऐसी चीज है शायद जिससे लाइफ में हम बहुत कुछ सीखते है। शायद लाइफ का सही मायने दोस्ती से ही पता चलता है। लाइफ में हजारों दोस्त हर तरह के आते है, लेकिन उनमें से ही कुछ ऐसे होते है। जिन्हें हम अपने दिल की हर बात बता देते है और जिंदगी भर उनके साथ रहते है। (Raksha bandhan 2017: रक्षाबंधन पर नहीं है कोई अशुभ भाद्रा, इस शुभ मुहूर्त में बांधे राखी)
जहां प्यार को इजहार करने के लिए वैलेंटाइन डे मनाया जाता है। जो कि प्रेमियों के लिए होता है। दूसरी और दोस्ती को निखारने और उसके बीच प्यार को बढ़ाने के लिए 'फ्रेंडशिप डे' मनाया जाता है। यह हर साल आता है। अगस्त महीने के पहले रविवार को दोस्ती दिवस यानी कि 6 अगस्त को ( Friendship Day) मनाया जाता है।
हर साल हर फ्रेंडशिप डे मनाते है, लेकिन क्या आप ये बात जानते है कि ये कैसे शुरु हुआ। इसके पीछे का क्या इतिहास है। तो हम आज आपको बताते है कि आखिर क्या है इसके पीछे का इतिहास। (लड़को को आपकी सुदंरता ही नहीं बल्कि ये चीजें भी करती है आकर्षित)
फ्रेंडशिप डे का इतिहास
हर साल अगस्त महीने के पहले रविवार को मनाया जाने वाला 'फ्रेंडशिप डे' भारत में भी पिछले कुछ सालों से काफी फेमस हो रहा है। सोशल मीडिया के बढ़ते चलन के कारण बड़ी ही धूमधाम से इस डे को आज की जनरेशन मनाती है, लेकिन भारत से पहले दक्षिण अमेरिकी देश खासकर पैराग्वे में फ्रेंडशिप डे काफी जोरो-शोरो से मनाया जाता था। यहां 30 जुलाई 1958 में पहले अंतरराष्ट्रीय फ्रेंडशिप दिवस का भी प्रस्ताव रखा गया था। जिसके बाद शुरू में ग्रीटिंग कार्ड्स को इस दिन अपने दोस्तों को देने का बढ़ावा मिला था।
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