नई दिल्ली: कहा जाता है कि इंसान की जान जब खतरे में पड़ती है तो कुत्ता उसे बचाने के लिए अपनी जान पर खेल जाता है। इंसान का, अपने सबसे वफादार दोस्त कुत्ते से रिश्ता बरसों पुराना है।
एक अध्ययन के मुताबिक, लोगों ने तकरीबन 11,500 साल पहले ही कुत्तों के साथ रहना शुरू कर दिया था और साथ ही कुत्ते की सूंघने की जबरदस्त क्षमता को पहचान कर उसके साथ शिकार करना भी शुरू कर दिया था।
डेनमार्क में यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने बताया कि मनुष्य ने उत्तर पूर्व जॉर्डन में 14,000 साल पहले कुत्ते पालना शुरू किया था लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा दुर्घटनावश हुआ या किसी खास उद्देश्य से।
जर्नल ऑफ एंथ्रोपोलॉजिकल आर्कियोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन से पता चलता है कि मनुष्य बहुत पहले ही कुत्तों की सूंघने और शिकार करने की क्षमताओं को पहचान गया था।
उत्तरपूर्व जॉर्डन में 11,500 साल पुरानी शुबायका 6 बस्ती से मिली पशुओं की हड्डियों पर किए शोध से यह पता चलता है कि इस क्षेत्र में कुत्ते ना केवल नवपाषाण युग की शुरुआत से मौजूद थे बल्कि इंसान और कुत्ते एक साथ पशुओं का शिकार करना पसंद करते थे।
कोपेनहेगन विश्वविद्यालय की लीजा यीयोमन्स ने कहा कि कुत्ते वीराने में रहने के बजाय मनुष्यों के साथ रहना पसंद करते थे।
उन्होंने कहा, ‘‘कुत्तों को बस्ती से अलग-थलग नहीं रखा जाता था बल्कि वे दैनिक जीवन से जुड़े हुए थे और वे बस्ती के आसपास घूमते थे, छोड़ी गई हड्डियों को खाते थे और जहां-तहां गंदगी फैला देते थे।’’
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