बीवर का मानना है कि दिक्कत बुजुर्गों के साथ नहीं है बल्कि, उनकी देखभाल करने वाले लोगों के साथ है। वे यह नहीं सोचते कि ये बुजुर्ग सेक्स पर भी बात करना पसंद करते हैं। वीबर कहती हैं, “मुमक़िन है कि ये बुजुर्ग लंबे समय से सेक्स से दूर रहे हों, पर वे मर तो नहीं ही गए हैं। उनकी कल्पनाएं बची हुई हैं, हास्य बोध बचा हुआ है। कुछ ने मुझे गंदे गंदे चुटकुले भी सुनाए.”