लुई बीवर इस तरह के मामलों की पड़ताल करती हैं। लुई का कहना है कि, “उम्र को लेकर अभी भी एक तरह का पूर्वाग्रह है. हम बुजुर्गों को बुजुर्गों की तरह ना देखकर ऐसे देखते है कि वे तो बस ख़त्म हो चुके हैं.” वीबर कहती हैं कि बुजुर्गों के लिए बने घरों (ओल्ड एज होम) में भी इस मुद्दे पर कोई बात ही नहीं करना चाहता।
लुई वीबर भी अपनी कला के माध्यम से बढ़ती उम्र और सेक्स के मसले को उठाती है।
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