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Highlights
- पुखराज पहनने से व्यक्ति को अपार सफलता की प्राप्ति होती है
- जानिए किन लोगों को नहीं पहनना चाहिए पुखराज रत्न
पीले रंग का रत्न पुखराज का रत्न होता है। यह रत्न बृहस्पति ग्रह का है। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति शुभ स्थिति में होता है तो उसके लिए पुखराज बहुत ही फलदायी साबित हो सकता है। जिन लोगों को पुखराज फल देता हैं उन्हें धन-संपत्ति, करियर,शिक्षा के साथ मान-सम्मान भी मिलता है।
आमतौर पर लोग सोचते हैं कि पुखराज कोई भी धारण कर सकता हैं। लेकिन बिल्कुल ऐसा नहीं है जिस तरह पुखराज धारण करने से सुख-समृद्धि मिलती हैं। वहीं कई लोगों के लिए यह हानिकारक साबित हो सकता है। धनहानि के साथ कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जानिए किन लोगों को पुखराज पहनना चाहिए और किन लोगों को नहीं।
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इन लोगों को धारण करना चाहिए पुखराज
मेष राशि
मेष राशि का स्वामी मंगल ग्रह है और मंगल और गुरु के बीच अच्छे संबंध हैं। इसके इलावा मेष राशि के नौवें और बारहवें भाव पर गुरु का भी प्रभाव रहता है। इसलिए मेष राशि वालों को पुखराज पहनने से अच्छा साबित होगा।
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वृष राशि
वृष राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है और इस ग्रह का गुरु के साथ सामान्य संबंध है। अगर वृष राशि के जातकों की कुंडली में गुरु दूसरे, चौथे, पांचवे, नौवे, दसवें और ग्यारहवें भाव में है तो व्यक्ति को आर्थिक लाभ मिलता है। इसलिए इस राशि के जातक ज्योतिष से पूछकर पुखराज धारण कर सकते हैं।
मिथुन राशि
मिथुन राशि का स्वामी बुध है। गुरु और बुध के बीच न अच्छे संबंध नहीं है और न ही बुरे। अगर जातक की कुंडली में गुरु दूसरे, चौथे, पांचवे, सातवें और आठवें भाव पर हैं तो पुखराज रत्न धारण कर सकते हैं। लेकिन सप्तमेश और मारकेश होने के कारण पुखराज को इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
कर्क राशि
कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है। इसके गुरु के साथ शांत और सौम्य संबंध है। वहीं अगर जातक की कुंडली में गुरु छठे और नौवे भाव पर हैं तो पुखराज पहनने से लाभ मिलेगा। व्यक्ति को पेट, हार्ट और श्वास संबंधित रोगों में लाभ मिलेगा। लेकिन अगर कुंडली में गुरु षष्ठेश यानि अकारक अवस्था में तो इसे अकेले कभी न पहनें। बल्कि अगर आप पुखराज पहनना ही चाहते हैं तो फिर गुरु यंत्र के साथ पहने। इससे इसके बुरे प्रभाव खत्म हो जाएंगे।
सिंह राशि
सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। सूर्य और गुरु दोनों एक-दूसरे से मैत्री संबंध रखते हैं। गुरु पांचवे और आठवें भाव का स्वामी होता है। ऐसे में सिंह राशि के जातकों को पुखराज पहनना फायदेमंद होगा। ज्योतिष से पूछकर आप चाहे तो सूर्य के रत्न माणिक्य के साथ पुखराज पहन सकते हैं। इससे आपको दोगुना लाभ मिलेगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल है। गुरु और मंगल दोनों मैत्री संबंध रखते हैं। इस राशि के लोग लाल मूंगा के साथ पुखराज धारण कर सकते हैं। लेकिन वृश्चिक राशि में अगर गुरु द्वितीयेश भाव में हैं तो यह प्रबल मारकेश भी है। ऐसे में पुखराज पहनना हानिकारक हो सकता हैं। अगर आप इस अवस्था में पहनना चाहते हैं तो गुरु यंत्र के साथ पहन सकते हैं।
धनु राशि
धनु राशि में गुरु प्रथम और चौथे भाव का स्वामी होता है। ये स्थान अत्यंत शुभ है। अतः धनु राशि वालों आपको पुखराज अवश्य पहनना चाहिए। इससे आपको शारीरिक और मानसिक लाभ मिलेगा।
मीन राशि
मीन राशि में गुरु प्रथम और दसवें भाव का स्वामी है। ऐसे में यह काफी शुभ फल देता हैं। इसलिए इस राशि के जातकों को जरूर पुखराज रत्न धारण करना चाहिए। इससे मन का शरीर के साथ ताल्लुक अच्छा बना रहता है और करियर में लाभ मिलता है।
किन लोगों को धारण नहीं करना चाहिए पुखराज
कन्या राशि
कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध है। बुध और गुरु के बीच मैत्री संबंध बिल्कुल भी नहीं हैं। इसके साथ ही गुरु इस राशि के चौथे और सातवें भाव का स्वामी है। चौथे घर का संबंध माता, भूमि, भवन, वाहन और सुख से होता है जबकी जबकी सातवां घर जीवनसाथी का और मारकेश होता है। इसलिए इस राशि के जातकों को पुखराज बिल्कुल भी नहीं पहनना चाहिए।
तुला राशि
तुला राशि के तीसरे और छठे घर का स्वामी गुरु है। जबकि तुला राशि का स्वामी शुक्र है। वहीं गुरु और शुक्र के बीच शत्रुता का संबंध हैं। इसलिए इस राशि के जातकों को पुखराज बिल्कुल नहीं पहनना चाहिए। इस राशि के जातकों ने अगर पुखराज धारण किया तो पेट संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं।
कुंभ राशि
कुंभ राशि का स्वामी शनि ग्रह है। इस राशि में गुरु द्वितीयेश यानि प्रबल मारकेश और एकादशेश होने के कारण अकारक ही होता है । इस कारण कुंभ राशि के लोगों को भी पुखराज रत्न नहीं पहनना चाहिए।
डिस्क्लेमर- ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता, किसी रत्न को धारण करने से पहले संबंधित क्षेत्र से विशेषज्ञ से सलाह लें।