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आखिर क्यों बांधा जाता है कलावा? क्या है इसके पीछे का पौराणिक और वैज्ञानिक कारण जानें

मान्यताओं के अनुसार कलावे में कई तरह की दैवीय शक्तियां समाहित होती है, जो व्यक्ति को बुरी नजर, परेशानी और नकारात्मक ऊर्जाओं के प्रभाव से बचाता है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : March 08, 2022 14:04 IST
raksha sutra
Image Source : TWITTER raksha sutra

Highlights

  • हिंदू धर्म में प्रत्येक पूजा पाठ के दौरान कलाई पर कलावा बांधा जाता है
  • कलावा को रक्षा सूत्र माना जाता है
  • मान्यताओं के अनुसार कलावे में कई तरह की दैवीय शक्तियां समाहित होती है

हिंदू धर्म में प्रत्येक पूजा पाठ के दौरान कलाई पर कलावा बांधा जाता है। कलावा को रक्षा सूत्र माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार कलावे में कई तरह की दैवीय शक्तियां समाहित होती है, जो व्यक्ति को बुरी नजर, परेशानी और नकारात्मक ऊर्जाओं के प्रभाव से बचाता है। कलावा को मौली और रक्षासूत्र भी कहते हैं। क्या कभी आपने सोचा कि इसे बांधने पीछे का क्या कारण हो सकता है? नहीं तो चलिए जानते हैं-

पौराणिक कथा-

शास्त्रों में बताया गया है कि कलावा बांधने की शुरुआत माता लक्ष्मी ने की थी। जब भगवान विष्णु ने बामन अवतार में तीन पग धरती नाप ली थी, तो राजा बलि की दानवीरता से प्रसन्न होकर उन्होंने उसे पाताल लोक रहने के लिए दे दिया था। तब राजा बलि ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की कि वे भी उनके साथ पाताल लोक में आकर रहें। विष्णु जी ने प्रसन्न होकर उसकी ये प्रार्थना स्वीकार कर ली। इसके बाद माता लक्ष्मी भगवान विष्णु को वहां से वापस लाने के लिए भेष बदलकर पाताल पहुंची और बालि के सामने रोने लगीं कि मेरा कोई भाई नहीं है। इसके बाद बालि ने कहा आज से मैं आपका भाई हूं। इस पर माता लक्ष्मी ने तब राजा बलि को रक्षा सूत्र के तौर पर कलावा बांधा और उसे अपना भाई बना लिया। इसके बाद उपहार के तौर पर भगवान विष्णु को उनसे मांग लिया। तब से इस कलावे को रक्षा सूत्र के तौर पर बांधा जाने लगा।

क्या कहता है विज्ञान-
विज्ञान के अनुसार, शरीर के ज्यादातर अंगों तक पहुंचने वाली नसें कलाई से होकर गुजरती हैं। कलाई पर मौली या कलावा बांधने से इन नसों की क्रिया नियंत्रित रहती हैं। माना जाता है कि कलावा बांधने से ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी रोग, डायबिटीज और पैरालिसिस जैसे रोगों से काफी बचाव होता है।

कलावा बांधने से फायदे-
ऐसी मान्यता है कि अगर कलाई पर कलावा बांधा जाए तो इससे आने वाले संटक टल जाते हैं। कलावा बांधने से ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आशीर्वाद मिलता है इसके साथ ही सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती देवियों की विशेष कृपा प्राप्त होती है। लाल रेग का कलावा बांधने से मंगल ग्रह मजबूत होता है। पीले रंग का कलावा बांधते हैं तो इससे बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है। ये भी माना जाता है कि काले रंग का कलावा कलाई में बांधना शनि ग्रह के लिए शुभ होता है।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी  इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले इससे  संबंधित पंडित ज्योतिषी से संपर्क करें

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